नई दिल्ली। कोरोना महामारी में मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण आक्सीजन की कमी से जूझ रही दिल्ली में स्थिति सुधरने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह कोर्ट में दिए गए भरोसे के मुताबिक दिल्ली में आक्सीजन की कमी को तीन मई तक पूरा करे।

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी कहा है कि वह राज्य सरकारों के साथ मिल कर आपात स्थिति के लिए आक्सीजन का बफर स्टाक तैयार करे। यह आदेश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए जरूरी दवाइयों और आक्सीजन आदि की जरूरत के मामले में दिया है।

कोर्ट का लिखित विस्तृत आदेश बाद में जारी हुआ

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की थी, लेकिन कोर्ट का लिखित विस्तृत आदेश बाद में जारी हुआ। आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जैसा कि सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सालिसिटर जनरल ने भरोसा दिलाया था, उसके मुताबिक केंद्र सरकार सुनवाई के दिन (30 अप्रैल) के दो दिन के भीतर दिल्ली में आक्सीजन की कमी को पूरा करे। केंद्र सरकार तीन मई की आधी रात तक दिल्ली में आक्सीजन की कमी को पूरा कर दे।

राज्यों के साथ मिलकर आक्सीजन का बफर स्टाक तैयार करे

साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह आपात स्थिति से निपटने के लिए राज्यों के साथ मिलकर आक्सीजन का बफर स्टाक तैयार करे और इस आपात स्टाक को अलग अलग जगह रखा जाए। कोर्ट ने केंद्र को चार दिन के भीतर यह बफर स्टाक तैयार करने का निर्देश दिया है और कहा है कि इस बफर स्टाक में रोजाना आक्सीजन की उपलब्धता का स्तर बनाए रखा जाए। कोर्ट ने साफ किया है कि आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया गया आक्सीजन का यह बफर स्टाक राज्यों को आवंटित आक्सीजन के कोटे से अलग होगा।

मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने के बारे में दो सप्ताह में राष्ट्रीय नीति बनाने को कहा

कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने के बारे में दो सप्ताह के भीतर एक राष्ट्रीय नीति तैयार करे। सभी राज्य सरकारें उस नीति का पालन करेंगी। कोर्ट ने कहा है कि जब तक केंद्र सरकार इस बारे में राष्ट्रीय नीति बनाती है, तब तक किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में किसी भी मरीज को स्थानीय निवास या पहचान पत्र के अभाव में अस्पताल में भर्ती करने या जरूरी दवाएं देने से मना नहीं किया जाएगा।

कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार किए गए उपायों और प्रोटोकाल की समीक्षा करे। इसमें आक्सीजन की उपलब्धता, वैक्सीन की उपलब्धता और कीमत, जरूरी दवाओं की वहन योग्य कीमत भी शामिल है। कोर्ट ने आदेश में उठाए गए अन्य मुद्दों पर भी केंद्र से अगली सुनवाई तक जवाब मांगा है।