शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में आयोजित सात दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स समारोह सफलतापूर्वक सम्पन्न

शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में आयोजित सात दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स समारोह सफलतापूर्वक सम्पन्न

 गंगोह [24CN] :  शोभित विश्वविद्यालय गंगोह द्वारा आयोजित सात दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स जो कि मार्च 15, 2021 को प्रारम्भ हुआ था। दिनांक 22 मार्च, 2021 को समापन समारोह के साथ सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया। कार्यक्रम का समापन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कुॅवर शेखर विजेन्द्र जी, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ0 एम0 पी0 पुनिया जी, वाईस चैयरमैन अखिल भारतीय तकनीकी परिषद (एआईसीटीई), एवं कुलपति प्रो0 (डाॅ0) रणजीत सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। यह रिफ्रेशर कोर्स वेबिनार सीरिज के माध्यम से आयोजित कराया गया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में डाॅ0 प्रशांत कुमार ने सभी विशिष्ट अतिथियों एवं भारी संख्या में कार्यक्रम में उपस्थित श्रोतागणों का स्वागत किया। तत्पश्चाात विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डाॅ0) रणजीत सिंह ने अपने सम्बोधन में सात दिवसीय कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। उन्होने बताया कि पूरे कार्यक्रम के दौरान प्रत्येक दिन शिक्षा एवं शिक्षा के क्षेत्र से जुडे हुए नियामक संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं विशेषज्ञों ने इस कार्यक्रम को सम्बोधित किया। कुलपति महोदय ने बताया कि इस रिफ्रेशर कोर्स की समयावधि के दौरान न केवल शोभित विश्वविद्यालय के फैकल्टी मेेम्बर्स अपितु सहारनपुर जनपद के अन्य स्कूलों एवं काॅलेजों के शिक्षकों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और इस कार्यक्रम को अलग स्तर पर ले गये।

 Shobhit University Gangoh

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा0 एम0 पी0 पुनिया जी ने सर्वप्रथम शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कुॅवर शेखर विजेन्द्र जी को इस कार्यक्रम को आयोजित कराने के लिए बधाई दी एवं शुभकामनाएं दी।

उन्होने कहा कि शोभित विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर जो गम्भीरता प्रदर्शित की गयी है, वह वास्तव में एक सराहनीय पहल है। उन्होनें अपने सम्बोधन में कहा कि पूर्व की शिक्षा नीति पढाई के प्रति जागरूकता फैलानें के उद्देश्य से तो अच्छी थी किन्तु वर्तमान स्पर्धा में पुरानी शिक्षा नीति सिर्फ व्यवधान ही बन रही थी। क्योकि पुरानी शिक्षा नीति में अनुभव एवं ज्ञान को नही सिर्फ माक्र्स को महत्व दिया जा रहा था। उन्होनें कहा कि शिक्षा के पाठ्यक्रम में अधिकता एवं असन्तुलन के कारण विद्यार्थी के ऊपर अनावश्यक भार पड रहा था। वहा किसी भी प्रकार से उत्तीर्ण हो जाने की होड लगी हुई थी। काॅलेज के विद्यार्थी कुछ नया सीखने और अनुभव प्राप्त करने के बजाय नौकरियों को अपने जीवन का लक्ष्य मानने लगे थे। जिसके कारण नौकरी के क्षेत्रों में स्पर्धा बढ गयी और डिग्री होनेे के बावजूद भी बेरोजगारी का सामना करना पडता था।

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कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कुॅवर शेखर विजेन्द्र जी ने कहा कि शिक्षा को जीवन का आधार कहा गया है। शिक्षा का सही अर्थ चीजों की वास्तविकता को जानना है न कि कुछ किताबों को याद कर उन्हे कुछ पन्नों पर उतारना। कुलाधिपति महोदय ने बताया कि इस नई शिक्षा नीति मंे पढनें से ज्यादा सीखनें पर जोर दिया गया है। ताकि शिक्षार्थी आगे चलकर अपने लिए कोई व्यवसाय खडा कर सके।

नई शिक्षा नीति में विद्यार्थी की जिज्ञासा को प्राथमिकता दी गयी है। रीड टू लर्न के स्थान पर लर्न टू रीड पर विशेष जोर दिया गया है। उन्होनें यह भी बताया कि इस नई शिक्षा नीति को आत्मसात करने में समय लग सकता है। इसके प्रयासों में अधिक समय तथा साधनों की आवश्यकता होगी।

कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ0 महीपाल सिंह ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कुॅवर शेखर विजेन्द्र जी का धन्यवाद ज्ञापित किया। तत्पश्चात् उन्होनें समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ0 एम0पी0 पुनिया जी का धन्यवाद किया कि उन्होनें अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर विश्वविद्यालय के कार्यक्रम को सम्बोधित किया। कुलसचिव महोदय ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डाॅ0) रणजीत सिंह को भी धन्यवाद दिया। साथ ही साथ उन्होनें इस कार्यक्रम के आयोजकों का भी धन्यवाद ज्ञापित किया और शुभकामनाएं दी।

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