आईपीसी और सीआरपीसी में बदलाव करेगी मोदी सरकार: गृहमंत्री अमित शाह

आईपीसी और सीआरपीसी में बदलाव करेगी मोदी सरकार: गृहमंत्री अमित शाह

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि समय के अनुसार आईपीसी और सीआरपीसी में बदलाव की जरूरत है। ये कानून तब बनाए गए थे जब अंग्रेज हम पर शासन करते थे। उनकी प्राथमिकता भारत के नागरिक नहीं थे अब जब हम आजाद हैं तो इसमें जनता की सहूलियत के मुताबिक बदलाव की जरूरत है। गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार को लखनऊ के पुलिस मुख्यालय में आयोजित 47वें ऑल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस के कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि जनता का नजरिया पुलिस के लिए और पुलिस का नजरिया जनता के लिए बदलना जरूरी है। फिल्मों में तोंद वाले पुलिसकर्मी को दिखाकर उसका मजाक उड़ाया जा सकता है लेकिन यह भी समझने की जरूरत है कि पुलिसकर्मियों पर सुरक्षा की कितनी जिम्मेदारी होती है। लोग दीवाली मना रहे होते हैं पुलिसकर्मी सुरक्षा में लगे होते हैं। लोग छुट्टी लेकर घर जाते हैं, होली खेलते हैं लेकिन पुलिसकर्मी इस चिंता में रहते हैं कि कहीं कोई दंगा न हो जाए। पुलिस विभाग के 35 हजार जवानों ने अपनी शहादत दी जिसके बाद इस देश के लोग आज खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। इसलिए जरूरी है कि जनता और पुलिस दोनों एक दूसरे को देखने का नजरिया बदले।

गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र में जब मोदी सरकार आई देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में 11वें स्थान पर थी पर अब यह सातवें स्थान पर है। भारत की 130 करोड़ जनसंख्या पूरी दुनिया के लिए बड़ा मार्केट है। प्रधानमंत्री मोदी का सपना है कि 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था पांच ट्रिलियन की बने। जिसके लिए बेहतर कानून व्यवस्था की जरूरत है जो कि बेहतर पुलिसिंग से ही मिल सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक फॉरेंसिक विश्वविद्यालय बनाने जा रही है जिससे कि पुलिसिंग में सुधार किया जा सके। जिन राज्यों में विश्वविद्यालय नहीं बनाया जा सकता वहां कॉलेज बनाए जाएंगे। गृहमंत्री ने कहा कि यह पुलिस साइंस कांग्रेस का 47वां आयोजन है। 1960 से ऐसे आयोजन किए जा रहे हैं। मुझे लगता है कि अब तक इन आयोजनों में जितने प्रस्ताव रखे गए हैं उनमें से कितने लागू हुए इस पर भी एक आयोजन होना चाहिए।

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