नई दिल्ली। आइपीएल को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के पदाधिकारियों में मतभेद थे। मंगलवार सुबह हुई ऑनलाइन बैठक में कई पदाधिकारी चाहते थे कि टूर्नामेंट एक सप्ताह के ब्रेक के बाद चालू कर दिया जाए, लेकिन सचिव जय शाह टूर्नामेंट को अनिश्चितकाल के लिए टालने पर अड़ गए। बीसीसीआइ के पदाधिकारी ने कहा कि इसका सीधा असर इस साल अक्टूबर-नवंबर में भारत मे होने वाले टी-20 विश्व कप के आयोजन पर पड़ा है। अब उसका बीसीसीआइ की मेजबानी में ही दुबई में होना लगभग तय है।

आइसीसी और विदेशी बोर्ड कहेंगे कि जब आप अपना आठ टीम का घरेलू टूर्नामेंट नहीं आयोजित करवा पाए, तो 16 टीम का विश्व कप कैसे कराएंगे। अभी भारत में कोरोना से हालत खराब हैं। सितंबर में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में तब कोई बोर्ड अपनी टीम भेजने को तैयार नहीं होगा और इस फैसले ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) को हथियार दे दिया है। आइसीसी ने पहले ही यूएई को स्टैंडबाई में रखा था। जून में होने वाली आइसीसी की बैठक के बाद इस पर फैसला हो जाएगा।

भारत को छोड़कर 15 टीमें बाहर से आएंगी

आइपीएल में भी सिर्फ 30 फीसद विदेशी खिलाड़ी खेल रहे थे, जबकि टी-20 विश्व कप में भारत को छोड़कर 15 टीमें बाहर से आएंगी, जिनको संभालना मुश्किल काम होगा। आइपीएल में सभी आठों टीमें भारतीय फ्रेंचाइजियों की थीं। ऐसे में यदि उस समय भारत में कोरोना से हालात खराब होते हैं तो अन्य देशों के क्रिकेट बोर्ड या उनके देश की सरकारें अपनी टीमों को भारत भेजने से इन्कार कर सकती हैं। वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी सितंबर में भारत में कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर की चेतावनी दी है।

टीमों की सुरक्षा को लेकर जोखिम नहीं उठाएगा आइसीसी 

भारत में अभी भी स्थिति विकट बनी हुई है और पिछले कुछ समय से हर दिन तीन लाख से अधिक मामले सामने आ रहे हैं, जिससे अधिकतर क्रिकेट बोर्ड चिंतित हैं और आइसीसी ऐसी स्थिति में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीमों की सुरक्षा को लेकर जोखिम नहीं उठाएगा। अधिकारी ने कहा कि भारत में जिस तरह के हालात हैं उससे अगले छह महीने तक कोई भी विदेशी टीम भारत का दौरा नहीं करेगी। ऐसे में हम लोगों के पास भी दुबई में टी-20 विश्व कप कराने के अलावा कोई चारा नहीं होगा।