शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में श्री नरेंद्र सेवा पखवाड़े के अंतर्गत ‘पंच प्रण’ “विकसित राष्ट्र का लक्ष्य” पर संगोष्ठी का आयोजन

शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में श्री नरेंद्र सेवा पखवाड़े के अंतर्गत ‘पंच प्रण’ “विकसित राष्ट्र का लक्ष्य” पर संगोष्ठी का आयोजन

गंगोह [24CN] : दिनांक 27-09-2022 को श्री जे.पी. माथुर चैरिटेबल ट्रस्ट दिल्ली के तत्वाधान में चल रहे श्री नरेंद्र सेवा सेवा पखवाड़े के ग्यारवें दिन शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में देश के यशस्वी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा चिन्हित ‘पंच प्रण’ लक्ष्यों में “विकसित राष्ट्र का लक्ष्य” पर तृतीय दिवस तृतीय प्रण शैक्षिक सम्मेलन संगोष्ठी कार्यशाला का आयोजन किया गया तथा कंप्यूटर विज्ञान एंड इंजीनियरिंग विभाग द्वारा जागरूकता रैली एवं नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया गया, जिसकी थीम “स्थायी शहर और समुदाय” रही। श्री नरेंद्र सेवा सेवा पखवाड़े के अंतर्गत प्रतिदिन निशुल्क चिकित्सा शिविर एवं योगाभ्यास का आयोजन विभिन्न स्थानों पर क्रियान्वित किया जा रहा है।

आज के कार्यक्रमों की शुरुआत शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह, कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह, मुख्य अतिथि पद्म श्री सेठ पाल सिंह जी एवं संस्था के केयर टेकर सूफी जहीर अख्तर द्वारा मां सरस्वती एवं बाबू विजेंद्र जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम में शिक्षा विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) प्रशांत कुमार ने सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया।

सर्वप्रथम शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह ने मुख्य अतिथि पद्म श्री सेठ पाल सिंह जी को पुष्प-गुच्छ एवं शॉल भेंट कर उनका स्वागत किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पद्म श्री सेठ पाल सिंह जी ने सभागार में उपस्थित सभी छात्र एवं छात्राओं से चर्चा करते हुए अपने उध्बोधन में कहा कि आज के वर्तमान युग में जहां किसानो की आय को दोगुना करने की बात कही जा रही है, वही यह और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है कि किसान कृषि एवं इससे सम्बंधित समस्याओं को कैसे हल करे? नई खेती की प्रजातियों और फसल की उन्नत किस्मों की शुरूआत एक ऐसी तकनीक है, जिसके द्वारा पौधों की उत्पादकता, गुणवत्ता, स्वास्थ्य और पोषण मूल्य को बढ़ाने और/या रोगों, कीट जीवों और पर्यावरणीय तनावों के लिए फसल की लचीलापन का निर्माण किया जा सकता है। नवीन तकनीकी द्वारा कृषि में उत्पन्न समस्याओं को खोजा एवं उनका हल आसानी से किया जा सकता है, जिसके लिए एक सुदृढ़ प्रयास की आवश्यकता है।

इस अवसर पर संस्था के केयर टेकर सूफी जहीर अख्तर ने कहा कि “हमारा जीवन, हमारा समाज सबके आधार में हमारी कृषि व्यवस्था ही है। यदि हम भारत की बात करे तो यह स्वभाव और संस्कृति से कृषि आधारित देश ही रहा है। और यह निश्चित ही संभव है कि यदि किसान आगे बढ़ेगा वैसे ही हमारा देश भी आगे बढ़ेगा।”

इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह एवं कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह ने कार्यक्रम के आयोजकों को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के अंत में यूटीडीसी डायरेक्टर प्रो.(डॉ.) श्रीकांत गुप्ता ने मुख्य अतिथि पद्म श्री सेठ पाल सिंह जी एवं सभा में उपस्थित सभी सम्मानित अतिथिगणों का धन्यवाद प्रेषित किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

इस अवसर पर प्रो.(डॉ.) वरुण बंसल, डॉ. विश्वास सैनी, डॉ. भूपेंद्र चौहान, डॉ. शिवानी, नितिन कुमार, विनोद राठी, कुलदीप चौहान, भावना परासर आदि शिक्षकगण उपस्थित रहे।

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