GHMC Election Results 2020: हैदराबाद नगर निगम चुनाव में भी जमा योगी आदित्यनाथ के भगवा का रंग

GHMC Election Results 2020: हैदराबाद नगर निगम चुनाव में भी जमा योगी आदित्यनाथ के भगवा का रंग

लखनऊ । देश के कोने-कोने में भगवा झंडा फहराने की कोशिश में जुटी भारतीय जनता पार्टी ने आखिरकार हैदराबाद में भी कमाल दिखाती नजर आ रही है। कट्टरवादी छवि वाले मुस्लिम नेता असदउद्दीन औवेसी के गढ़ में जिस तरह भाजपा ने भगवा ब्रांड प्रचारक और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उतारा, उसका पूरा असर दिख रहा है।

पिछले नगर निगम चुनाव में महज चार सीटों पर सिमटी रही भारतीय जनता पार्टी इस बार रुझानों में सांसद औवेसी की एआइएमआइएम को पछाड़कर टीआरएस से मुकाबला करती दिख रही है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी तेजतर्रार और कट्टर हिंदूवादी छवि के लिए देशभर में लोकप्रिय हैं। यही वजह है कि देश में किसी भी क्षेत्र में कोई भी चुनाव हो, भाजपा प्रत्याशियों के प्रचार के लिए योगी की जबर्दस्त मांग रहती है। हाल ही में बिहार विधानसभा चुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ ने ताबड़तोड़ रैलियां कीं। पार्टी मानती है कि पीएम मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ की रैलियों ने बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत में अहम भूमिका निभाई।

इसके बाद ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में भी भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी। वह ओवैसी का गढ़ है, इसलिए स्थानीय समीकरण को देखते हुए हैदराबाद की गलियों से भी योगी आदित्यनाथ की पुकार आई। योगी वहां चुनाव प्रचार के लिए गए। रोड शो कर जमकर गरजे। यहां तक कि उन्होंने हैदराबाद का नाम तक बदलने की हुंकार वहां भरी। उनके स्वागत में वहां जियो रे बाहुबली, आया आया शेर आया जैसे नारे भी लगे, जिसने न सिर्फ कार्यकर्ताओं में जोश भरा, बल्कि हिंदू आबादी पर काफी असर छोड़ा। तब बनाए उस माहौल का असर अब दिख रहा है।

हैदराबाद निकाय चुनाव में भाजपा सारे राजनीतिक समीकरण बदलने के लिए खड़ी हो गई। शुक्रवार को वहां मतगणना चल रही है। रुझानों में शुरुआत से भाजपा अच्छी बढ़त की ओर है।

यहां दोपहर तक सबसे आगे वर्तमान सत्ताधारी टीआरएस तो कुछ सीटों के फासले के साथ भाजपा पीछा कर रही थी। दोनों में आठ-दस सीटों पर आगे-पीछे का खेल चल रहा था। पिछले चुनाव में 44 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही औवेसी की पार्टी लगभग उतनी ही सीटों के रुझान के साथ तीसरे स्थान पर संघर्ष कर रही है तो कांग्रेस फिर चारों खाने चित हो गई। पिछले चुनाव में दो सीट जीतने वाली कांग्रेस इस बार रुझानों में भी दो-तीन से आगे नहीं बढ़ पा रही।

उल्लेखनीय है कि भाजपा ने पिछले चुनाव 2016 में मात्र चार सीटें जीती थी। इस बार वह चुनाव बेशक न जीते, लेकिन रुझान बता रहे हैं कि वहां भाजपा ने जमीन तैयार कर ली है।

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