कोरोना वायरस को कंट्रोल करने में चीन से भारत की तुलना ना करें: जी किशन रेड्डी
- बोले- चीन की तरह भारत नहीं उठा सकता कदम
- चीन ने सैन्य ताकत का प्रयोग कर कोरोना को किया कंट्रोल
- चीन में लोग नियमों का करते हैं पालन, भारत में हालात अलग हैं
नई दिल्ली
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस को नियंत्रित करने में चीन से भारत की तुलना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि चीन सैन्य ताकत का प्रयोग कर लोगों को आपस में मिलने-जुलने से रोक सकता है। वहीं भारत सरकार ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है, जिसमें नागरिकों को कोरोना जैसी घातक बीमारी के प्रसार को रोकने के प्रयास में एक दिन के लिए घर पर रहने का अनुरोध किया गया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के लिए कोई दवाई नहीं है। सतर्कता, सावधानी और सामाजिक दूरी बनाना ही इस बीमारी से बचने का एकमात्र तरीका है। चीन के बाद भारत दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। ऐसे में कोरोना का प्रसार रोकना बेहद जरूरी है।
चीन में हर आदेश का सख्ती से होता है पालन
उन्होंने कहा कि चीन अपनी सैन्य प्रणाली के कारण कुछ हद तक इस बीमारी को रोकने में सफल रहा है। चीन में सरकार के कहने पर मीडिया किसी खबर को रिपोर्ट नहीं करती है, अगर वे कहते हैं कि ऑफिस नहीं जाना है तो लोग इस सख्ती से पालन करते हैं। वहां अगर कहा जाता है कि घर पर रहें तो लोग सख्ती से आदेशों का पालन करते हैं। हालांकि, भारत की स्थिति अलग है, इसलिए यहां सरकार नागरिकों से अपील कर रही है कि वे बीमारी के प्रसार से निपटने के प्रयासों में शामिल हों।
‘जनता को बचाना है तो सभी मिलकर काम करें’
रेड्डी ने इस मुश्किल वक्त में सभी राजनीतिक दलों को एक साथ मिलकर काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर हमें अपनी जनता को बचाना है तो सभी को मिलकर काम करना होगा। गृह राज्य मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए भारत दुनिया के दूसरे देशों के अपेक्षा ज्यादा अच्छा प्रयास कर रहा है।
‘बाहर से आए लोग खुद की जांच से बचे नहीं’
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने शुक्रवार को अपील की कि लोग कोरोना वायरस वैश्विक महामारी की चपेट में आए देशों से लौट रहे लोगों की जांच करने और उन्हें पृथक रखने के सरकार के फैसले का विरोध नहीं करें। उन्होंने कहा कि यह विरोध करना इस विषाणु को फैलने से रोकने की दिशा में उचित नजरिया नहीं है।
रेड्डी ने कहा, ‘कोरोना वायरस प्रभावित देशों से लौट रहे भारतीयों की यहां जांच की जा रही है और उन्हें पृथक किया जा रहा है। हालांकि उनमें से कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। मेरे पास अभिभावकों के फोन कॉल आ रहे हैं जो उनके बच्चों को छोड़े जाने का अनुरोध करते हुए कहते हैं कि वे घर पर उनका ख्याल रखेंगे। यह सही नजरिया नहीं है।’
‘देशभर में 69,000 लोग घरों में पृथक रखे’
उन्होंने कहा, ‘हम देश में इस बीमारी का संक्रमण बढ़ने से रोकने के लिए ऐसा कर रहे हैं। मैं सभी अभिभावकों से हमारे इस प्रयास में साथ देने की अपील करता हूं।’ रेड्डी ने बताया कि देशभर में करीब 69,000 लोगों को घरों में पृथक रखा गया है और सरकार इस प्रकार के कदम उठा रही है क्योंकि भारत घनी आबादी वाला देश है। उन्होंने लोगों से रविवार को सुबह सात से रात नौ बजे तक ‘जनता कर्फ्यू’ का पालन कर यह दिखाने का भी अनुरोध किया कि वे आगामी दिनों में हर संभावित परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
रेड्डी ने कहा कि दुर्भाग्य से इस बीमारी के उपचार के लिए अभी कोई दवाई नहीं है और इससे निपटने का एकमात्र तरीका इसे फैलने से रोकना है। उन्होंने लोगों से एहतियात बरतने और दूरी बनाए रखने की अपील की। रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकारों से इस बीमारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के बजट का इस्तेमाल करने और राज्य आपदा प्रतिक्रिया फंड का उपयोग करने को कहा गया है।
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