महाराष्ट्र: बीजेपी नेता नारायण राणे का दावा- 145 विधायकों संग जाएंगे राज्यपाल के पास

महाराष्ट्र: बीजेपी नेता नारायण राणे का दावा- 145 विधायकों संग जाएंगे राज्यपाल के पास
हाइलाइट्स
  • महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के बाद बीजेपी नेता नारायण राणे ने की सरकार बनाने की कोशिश करने की बात
  • राणे ने कहा- 145 विधायकों के साथ राज्यपाल के पास जाएगी बीजेपी, महाराष्ट्र में बनेगी हमारी ही सरकार
  • ‘शिवसेना ने ही सिखाया साम-दाम-दंड-भेद, एनसीपी-कांग्रेस मिलकर शिवसेना को बना रही हैं बेवकूफ’

मुंबई
महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर जारी सियासी अनिश्चितता के साथ राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है। इस बीच बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने कहा है कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने की कोशिश करेगी। राणे ने कहा है कि जिसको, जिसके साथ जाना हो जाए लेकिन बीजेपी 145 विधायकों के समर्थन के साथ राज्यपाल के पास जाएगी। हालांकि बीजेपी नेता सुधीर मुगंटीवार ने राणे के बयान को उनकी निजी राय करार दिया है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए राणे ने मंगलवार को कहा, ‘महाराष्ट्र में बीजेपी ही सरकार बनाएगी। बीजेपी सरकार के लिए हम प्रयासरत हैं। सरकार बनाने के लिए जो करना होगा, करेंगे। फिलहाल मेरा यह कर्तव्य है कि बीजेपी सरकार बनाने के लिए काम करूं। सत्ता स्थापना के लिए 145 का आंकड़ा लेकर ही राज्यपाल के पास जाएंगे।’ देवेंद्र फडणवीस ने भी राज्य में स्थिर सरकार बनने की उम्मीद जताई है।

‘शिवसेना ने ही सिखाया साम, दाम, दंड, भेद’
उद्धव ठाकरे के साथ 36 का आंकड़ा रखने वाले राणे ने कहा, ‘बीजेपी के किसी विधायक को खतरा नहीं है। शिवसेना ने ही अपने विधायकों को बंद करके रखा है। शिवसेना ने ही साम, दाम, दंड, भेद सिखाया है। शिवसेना को बेवकूफ बनाया जा रहा है। मुझे लगता नहीं है कि शिवसेना, एनसीपी-कांग्रेस के साथ जाएगी। मुझे जो भी जिम्मेदारी दी गई है, वो काम पूरा होने का बाद पता चल जाएगा।’

मुगंटीवार ने राणे के बयान को निजी बताया
दूसरी तरफ, बीजेपी के नेता सुधीर मुगंटीवार ने भी पार्टी की कोर समिति की बैठक के बाद कहा, ‘राष्ट्रपति शासन की उम्मीद हमने नहीं की थी। हमारी यह पूरी कोशिश रहेगी कि जनादेश को पूरा सम्मान मिले। हम राज्य में स्थिर सरकार बनाने की कोशिश करेंगे। हम राज्य के लोगों के साथ ही खड़े रहेंगे।’ बहरहाल मुगंटीवार ने राणे के बयान को उनकी निजी राय करार दिया है।

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग गया है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी। राज्यपाल की सिफारिश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकृति दे दी है। कांग्रेस-एनसीपी की बैठक में शिवसेना को समर्थन देने पर कोई फैसला नहीं हुआ है। कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना ने सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की आलोचना की है।

नारायण राणे का सियासी सफर
शिवेसना-बीजेपी गठबंधन की पहली सरकार में राणे 1996-1999 के बीच राजस्व मंत्री, डेयरी डिवेलपमेंट, पशुपालन, मत्स्य, विशेष सहायता और पुनर्वास मंत्री थे। 1999 में उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने के बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था।

बीजेपी से बने राज्यसभा सांसद
इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था और कांग्रेस-एनसीपी सरकार में 2005-2008 के बीच राजस्व मंत्री रहे और 2009 की कांग्रेस-एनसीपी सरकार में राणे उद्योग और राजस्व मंत्री रहे। वह मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा की वजह से पार्टी में लंबे समय तक नहीं रहे और 2017 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाई। बाद में बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया।

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