मध्यप्रदेश सियासी संकट: मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बहुमत परीक्षण से पहले दिया इस्तीफा

मध्यप्रदेश में बहुमत परीक्षण से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे से पहले उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें उन्होंने भाजपा पर कांग्रेस सरकार को लगातार अस्थिर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जनता ने मुझे पांच साल का बहुमत दिया था लेकिन भाजपा सरकार 15 महीनों से सरकार गिराने की कोशिश कर रही है। सिंधिया का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधते हुए कहा कि एक महाराज के साथ मिलकर भाजपा ने सरकार गिराने की साजिश रची। वहीं आज शाम को भाजपा विधायक दल की बैठक होनी है। जिसमें शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना जा सकता है।

शाम को भाजपा विधायक दल की बैठक
शाम को भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। जिसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। माना जा रहा है कि शिवराज को नेता चुना जा सकता है।

प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा पर लगाया सरकार गिराने का आरोप
कमलनाथ ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘मैंने हमेशा विकास में विश्वास किया है। हमारे विधायकों को कर्नाटक में बंधक बनाया गया। मुझे जनता ने पांच साल के लिए बहुमत दिया था। प्रदेश पूछ रहा है कि मेरा कसूर क्या है। 15 महीनों से भाजपा साजिश रच रही है। भाजपा सरकार को गिराने की कोशिश में लगी रही। चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा वोट मिले थे। विधायकों को खरीदने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए। भाजपा ने किसानों के साथ धोखा किया। एक महाराज के साथ मिलकर भाजपा ने सरकार गिराने की साजिश रची।’

राज्यपाल से मुलाकात का मांगा समय
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बजे राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने का समय मांगा है। माना जा रहा है कि वह इस मुलाकात के दौरान अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप सकते हैं।

सपा और बसपा नहीं लेंगे बहुमत परीक्षण में हिस्सा
सपा और बसपा के विधायकों ने बहुमत परीक्षण में हिस्सा न लेने का फैसला लिया है।

लापता हुए केपी सिंह
कांग्रेस विधायक केपी सिंह लापता हैं। थोड़ी देर में मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रेस कांफ्रेंस करेंगे।

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