रेट कट पर फैसला मौद्रिक नीति समिति लेगी, कोरोना के असर से निपटने के लिए हर संभव कदमः शक्तिकांत दास

रेट कट पर फैसला मौद्रिक नीति समिति लेगी, कोरोना के असर से निपटने के लिए हर संभव कदमः शक्तिकांत दास
  • गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेट कट का फैसला मौद्रिक नीति समिति लेगी
  • उन्होंने कहा कि कोरोना के असर से निपटने के लिए आरबीआई हर तरह के कदम पर विचार
  • शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस के असर से फॉरेक्स तथा बॉन्ड मार्केट भी अछूता नहीं
  • मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 31 मार्च-3 अप्रैल के बीच होगी

नई दिल्ली
रेट कट को लेकर अटकलों के बीच सोमवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने स्पष्ट किया कि नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का फैसला मौद्रिक नीति समिति करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस से असर से निपटने के लिए तमाम उपायों पर विचार किए जाएंगे। मुंबई में प्रेस को संबोधित करते हुए दास ने कहा, ‘हम किसी भी बात को खारिज नहीं कर रहे हैं।’ एमपीसी की अगली बैठक 31 मार्च-3 अप्रैल के बीच होगी।

अमेरिका, ब्रिटेन ने रेट कट किए
दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए आरबीआई से आपात कदम के रूप में रेट कट की उम्मीद की जा रही थी। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने रविवार रात पॉलिसी रेट को लगभग शून्य के स्तर पर ला दिया। उसी तरह, बैंक ऑफ इंग्लैंड ने नीतिगत दरों में 0.50% की कटौती की थी।

‘बॉन्ड मार्केट पर भी कोरोना का साया’
शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस के असर से फॉरेक्स तथा बॉन्ड मार्केट भी अछूता नहीं है। उन्होंने हालांकि आश्वस्त किया कि कोरोना वायरस के असर से निपटने के लिए आरबीआई किसी भी तरह के पॉलिसी इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल करने में कतई नहीं हिचकेगा। दास का आश्वासन ऐसे वक्त में सामने आया है, जब देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 114 पहुंच गई है।

‘यस बैंक में पैसे सुरक्षित’
यस बैंक संकट पर आरबीआई ने कहा कि बैंक पर लगी तमाम पाबंदी 18 मार्च को हटा ली जाएगी, और बैंक का नया बोर्ड 26 मार्च को अपना कामकाज संभाल लेगा। उन्होंने कहा कि बैंक में जमाकर्ताओं का पैसा बिल्कुल सुरक्षित है और देश का बैंकिंग सेक्टर मजबूत और सुरक्षित हाथ में है। गवर्नर ने कहा, ‘यस बैंक के पास पैसों की कोई कमी नहीं, और अगर जरूरत पड़ी तो आरबीआई तरलता बढ़ाने में बैंक की मदद करेगा।’

‘विकास दर पर असर’
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस घरेलू के साथ-साथ वैश्विक विकास दर पर भी असर डालेगा। कांत ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक फार्मा और सर्विस सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह निवेशकों को भरोसा बढ़ाने के लिए उपाय कर रहे हैं।

बाजार में भी बड़ा भूचाल
इस बीच, आरबीआई 23 मार्च को छह महीने के लिए डॉलर/रुपया सेल/बाय स्वैप की घोषणा कर चुका है। कोरोना वायरस सोमवार को शेयर बाजार पर कहर बनकर टूटा। सेंसेक्स 2,713.41 अंक तो निफ्टी 756 अंक लुढ़क गया। बाजार के इतिहास में यह दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है।

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