भारत में बढ़ रही कोरोना की रफ्तार, एक दिन में रेकॉर्ड 4308 पॉजिटिव केस

भारत में बढ़ रही कोरोना की रफ्तार, एक दिन में रेकॉर्ड 4308 पॉजिटिव केस

 

  • रविवार को एक ही दिन में देश में सामने आए कोरोना के कुल 4308 नए मामले
  • इसमें से 1943 केस सिर्फ महाराष्ट्र से सामने आए, रविवार को देशभर में कुल 113 की मौत
  • महाराष्ट्र के अलावा गुजरात, तमिलनाडु और दिल्ली में भी तेजी से बढ़ रहे हैं मामले

नई दिल्ली
भारत में कोरोना (Corona) के मामलों में बढ़ोतरी की रफ्तार दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। कई दिनों तक लगातार तीन हजार से ज्यादा मामले सामने आए। रविवार को देशभर के अलग-अलग राज्यों को मिलाकर कोरोना (Covid-19) के नए केस की संख्या चार हजार से भी ज्यादा थी। 4308 नए मरीजों कीे साथ अब तक एकदिन में कोरोना (Corona) के सबसे ज्यादा मामले हैं। इसमें से लगभग आधे मामले यानी 1943 केस सिर्फ महाराष्ट्र से आए। सिर्फ रविवार को ही देशभर में कोरोना के कुल 113 मरीजों की मौत भी हो गई।

कोरोना से बुरी तरह जूझ रहे महाराष्ट्र के लगभग दो हजार केस की बदौलत एक दिन में कोरोना के कुल मामलों में 6.9 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई। रविवार को ही देशभर में 4308 नए केस सामने आए। इसमें सिर्फ मुंबई शहर के ही 875 केस शामिल हैं। वहीं, तमिलनाडु में 669, गुजरात में 398 और राजधानी दिल्ली में कोरोना के 381 नए मरीज सामने आए।

लौट रहे प्रवासियों से पूर्वी राज्यों में बढ़े मामले
देश के पूर्वी राज्यों में लौट रहे प्रवासी कामगारों और मजदूरों का भी असर अब दिखने लगा है। रविवार को पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा को मिलाकर कुल 321 कोरोना मरीज मिले। महाराष्ट्र में अब तक का रेकॉर्ड तोड़ते हुए एक दिन में 53 मौतें दर्ज की गई हैं। वहीं, रविवार को देशभर में कुल 113 लोगों की कोरोना के चलते मौत हो गई।

कोरोना अस्पतालों के 1.3 लाख बेड में सिर्फ 1.5 प्रतिशत का ही हो रहा इस्तेमाल

कोरोना अस्पतालों के 1.3 लाख बेड में सिर्फ 1.5 प्रतिशत का ही हो रहा इस्तेमालकोरोना वायरस का उपचार कर रहे अस्पतालों के 1.3 लाख बेड्स में से सिर्फ 1.5 प्रतिशत का इस्तेमाल हो रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘लॉकडाउन के दौरान जांच बढ़ाने के बावजूद भी हमारे अस्पतालों में भीड़ नहीं भरी। ज्यादातर मामले गंभीर नहीं थे और उन्हें भर्ती करने की ज़रूरत नहीं थी। वर्तमान में आईसीयू और ऑक्सीज़न के सपोर्ट वाले 1.30 लाख बेड्स में से सिर्फ 1000 से 2000 बेड ही इस्तेमाल किये जा रहे हैं।’

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक देशभर में कोरोना के चलते कुल 2201 लोगों की मौत हो चुकी है। अच्छी बात यह है कि देश में रिकवरी रेट भी बढ़ा है और यह 31 पर्सेंट पर पहुंच गया, जोकि अबतक का सबसे ज्यादा है। देशभर में कुल मरीजों की संख्या के लगभग एक तिहाई लोग यानी कुल 20,848 लोग कोरोना से ठीक भी हो चुके हैं। महाराष्ट्र के बाद तमिलनाडु दूसरा ऐसा राज्य है, जहां पिछले कुछ दिनों से आने वाले पॉजिटिव केस की संख्या नंबर दो पर चल रही है। तमिलनाडु ने कुल मामलों की संख्या में अब दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया है।

सिर्फ मुंबई में कुल 13739 मामले, 508 की मौत
दिल्ली में रविवार को कुल 381 नए मामले सामने आए और पांच लोगों की मौत हो गई। नए आंकड़े के मुताबिक, दिल्ली में कोरोना के मामलों की संख्या अब 6,923 हो गई है। वहीं, 1943 नए मामलों के साथ महाराष्ट्र में कोरोना के कुल 22,171 मरीज हो गए हैं। इनमें से 832 लोगों की मौत भी हो चुकी है। मुंबई अभी भी सबसे बुरी तरह प्रभावित शहरों में टॉप पर है। शहर में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 13739 और कुल मौतों की संख्या 508 हो गई है।

1. रोकथाम में विकसित देशों से भी आगे

  • 1. रोकथाम में विकसित देशों से भी आगे

    केरल में कोरोना की रोकथाम के लिए जो कदम उठाए गए, उसने राज्य को सारी दुनिया में एक रोल मॉडल बना दिया। प्रदेश में कोरोना रोकने में केरल किस हद तक सफल हुआ, इसका अंदाज सिर्फ इससे ही लगाया जा सकता है कि केरल की जनसंख्या के बराबर वाले तमाम विकसित केस जहां हजारों केस रिपोर्ट कर चुके हैं, वहीं केरल में यह संख्या सिर्फ 503 तक ही सीमित है। केरल में 3.5 करोड़ लोगों की संख्या में सिर्फ 503 कोरोना केस हैं। वहीं कनाडा में 3.8 करोड़ जनसंख्या पर 67674, पेरू में 3.3 करोड़ पर 61487, नीदरलैंड में 1.7 करोड़ पर 42292 और ऑस्ट्रेलिया में 2.5 करोड़ लोगों पर ही कुल 6927 केस हैं।
  • 2. नहीं बढ़ने दिया कोरोना का प्रभाव

    केरल में सरकार की खास प्लानिंग और कोरोना से लड़ाई की तकनीक ने कोरोना के प्रभाव को पूरे राज्य में फैलने से रोक दिया। सरकार ने लोगों को ब्रेक द चेन जैसे अभियानों से जोड़कर इस बीमारी के प्रति वक्त पर जागरुक किया और इसी का असर हुआ कि केरल में अब कोरोना की एवरेज ग्रोथ रेट सिर्फ 0.1 पर्सेंट पर डे तक आ गई है।
  • 3. स्मार्ट टेस्टिंग ने की बड़ी मदद

    कोरोना के त्रासदी काल में केरल ने टेस्टिंग मॉडल ने भी दुनिया भर में वाहवाही बटोरी है। इसका फायदा कोरोना की रोकथाम में भी मिला। केरल ने 1000 दिनों में 4 दिन ही ऐसा किया जब हर रोज 1 हजार से अधिक टेस्ट किए गए। मरीजों की पहचान और उनकी सही जांच के आंकड़ों ने केरल को एक बड़ी मदद की। उस वक्त जब केरल में कोरोना के 100 केस हो गए थे, तब भी यहां अधिक 687 लोगों की ही जांच एक दिन में की गई। इसके अलावा सही मरीजों की जांच से ही केरल को कोरोना की रोकथाम में खास फायदा भी मिला।
  • 4. टेस्टिंग-ट्रैंकिग और आइसोलेशन का मॉडल

    केरल में मरीजों की टेस्टिंग-ट्रैकिंग और आइसोलेशन का मॉडल काफी इफेक्टिव रहा। केरल सरकार ने वक्त रहते तमाम संदिग्ध मरीजों और विदेश से आने वाले लोगों को आइसोलेशन में भेजने का काम पूरा कराया। इसकी बानगी ऐसे भी देखने को मिली की केरल में अप्रैल के पहले महीने में जबकि कोरोना का सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिला था, उस वक्त हर ऐक्टिव केस पर करीब 550 लोग आइसोलेशन में रखे गए थे। केरल में 503 मामलों के सामने आने के वक्त तक अधिकतम 1.7 लाख लोग एक साथ आइसोलेशन में रखे गए थे। इसके अलावा सिर्फ 16 मरीजों के ऐक्टिव होने के बावजूद केरल में अभी भी 20 हजार से अधिक लोगों को क्वारंटीन में रखा गया है।
  • 5. अस्पतालों में नहीं जुटी भीड़

    कोरोना के संक्रमण से जूझ रहे केरल के अस्पतालों में कभी भी लोगों की भीड़ नहीं दिखाई दी। केरल में कोरोना से सबसे अधिक केस होने के बावजूद भी अस्पताल में सिर्फ 816 लोगों को ही भर्ती कराया गया, जिससे कि कभी भी हेल्थ सेक्टर पर कोई खास बोझ नहीं देखने को मिला।

गुजरात में आठ हजार के पार
गुजरात में रविवार को कोरोना के कुल 398 नए मामले सामने आए और 21 लोगों की मौत हुई। इनमें से अहमदाबाद जिले में कोविड-19 के 278 नए मामले और 18 लोगों की मौत हुई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या 8,195 हुई, जबकि संक्रमण से मरने वालों की संख्या 493 पहुंच गई है।

यूपी में तेज हो रही रिकवरी, अब तक कुल 1653 हुए ठीक
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के रविवार को 102 नए मामले आने के साथ ही राज्य में अब तक सामने आए कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,467 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में बताया गया कि रविवार शाम तक 102 नए मामले संक्रमण के आए। बुलेटिन में बताया गया कि रविवार को 154 नए मरीजों के इलाज के बाद छुट्टी दिए जाने के साथ ही अब तक 1,653 लोग पूर्णतया स्वस्थ होकर अपने घरों को जा चुके हैं जबकि कोरोना संक्रमण की संक्रमण की वजह से 79 लोगों की मौत हुई है। 1,735 लोगों का इलाज चल रहा है। बुलेटिन के मुताबिक कोरोना संक्रमण से ग्रस्त 1,173 तबलीगी जमात के या उनसे संबद्ध लोग हैं। बुलेटिन में बताया गया कि कोरोना संक्रमण की वजह से सबसे अधिक 24 मौतें आगरा में हुई हैं।

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