हिंद महासागर में भारत के खिलाफ मोर्चा खोल रहे चीन-पाकिस्‍तान, जानें कितनी पावरफुल है तीनों देशों की नेवी

हिंद महासागर में भारत के खिलाफ मोर्चा खोल रहे चीन-पाकिस्‍तान, जानें कितनी पावरफुल है तीनों देशों की नेवी

 

  • चीन ने पाकिस्‍तान के साथ मिलकर हिंद महासागर में भी भारत के लिए बढ़ाया खतरा
  • लगातार नेवी को मजबूत कर रहा चीन, पाकिस्‍तान की भी कर रहा मदद
  • फिलहाल चीन और पाकिस्‍तान, दोनों को आसानी से संभाल सकती है भारतीय नौसेना
  • पाकिस्‍तान नेवी को 2025 तक मिल जाएंगे कई घातक हथियार, भारत को रहना होगा सावधान

 नई दिल्‍ली
चीन और पाकिस्‍तान के साथ खतरा सिर्फ जमीनी सीमा तक सीमित नहीं, समुद्र तक भी पहुंच रहा है। हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में चीन लगातार अपनी नौसेना को मजबूत कर रहा है, पाकिस्‍तान की जंगी क्षमता भी दुरुस्‍त कर रहा है। ताकि भारत को उसके घर में दो तरफ से घेरा जा सके। भारतीय सुरक्षा व्‍यवस्‍था से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, चीन हिंद महासागर में ट्विन अप्रोच अपना रहा है। पाकिस्‍तान की मदद के साथ वह अपने लिए और बेस ढूंढ रहा है ताकि ‘लॉजिस्टिक्‍स की तानाशाही’ दिखा सके।

हिंद महासागर पर नजरें क्‍यों गड़ाए है ड्रैगन
एक डिफेंस ऑफिशियल के अनुसार, “अगस्‍त 2017 में अफ्रीका के दिजबाउटी में पहला बेस बनाने के बाद चीन IOR में और मिलिट्री बेस बनाना चाहता है। उसके कराची और ग्‍वादर पोर्ट पर बेस पहले से ही हैं। चीन ऐसा इसलिए कर रहा है ताकि उसके जंगी जहाजों और पनडुब्बियों की ऑपरेशनल रीच बढ़ाई जा सके।” हालांकि भारत IOR में चीन और पाकिस्‍तान, दोनों को एक साथ मात दे सकता है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर मेलाका स्‍ट्रेट के जरिए चीन की सप्‍लाई को चोक किा जा सकता है। फिर भी भारत को अपनी बढ़त बरकरार रखने के लिए सिस्‍टमैटिकली प्‍लान करना होगा।

डिफेंस में चीन पर निर्भर है पाकिस्‍तान
पाकिस्‍तान को अगले साल चीन की तरफ से 8 युआन-क्‍लास डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां मिलेंगी जिनमें एयर इंडिपेंडेंट प्रपल्‍शन सिस्‍टम लगा होगा। करीब 7 बिलियन डॉलर के इस सौदे के तहत पाकिस्‍तान को 4 टाइप-054A मल्‍टी-रोल स्‍टेल्‍थ फ्रिजेट्स और अन्‍य नेवल प्‍लैटफॉर्म्‍स व वेपंस मिलने हैं। चीन पर पाकिस्‍तान की निर्भरता कितनी है, इसका पता इससे चलता है कि उसके 70 फीसदी से ज्‍यादा हथ‍ियार ड्रैगन सप्‍लाई करता है।

भारत-चीन में फिर होगी बात, क्या मानेगा ड्रैगन?

भारत-चीन में फिर होगी बात, क्या मानेगा ड्रैगन?पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर गतिरोध खत्म करने के लिए मंगलवार को भारत और चीन के बीच फिर से कोर कमांडर स्तर की मीटिंग होगी। यह मीटिंग भारत की तरफ चुशूल में होगी। इससे पहले तीन बार कोर कमांडर स्तर की मीटिंग हो चुकी है।

चीन तेजी से बढ़ा रहा अपनी नेवी की क्षमता
पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी-नेवी (PLAN) ने पिछले दशक में ही 117 बड़े जंगी जहाज कमिशन किए हैं। उसके पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर्स पहले से हैं, दो बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा उसके पास 33 डिस्‍ट्रॉयर्स, 54 फ्रिजेट्स, 42 कॉर्वेट्स, 50 डीजल-इलेक्ट्रिक और 10 न्‍यूक्लियर पनडुब्बियां हैं। इसके अलावा वह टाइप-075 लैंडिंग प्‍लैटफॉर्म डॉक्‍स जैसे जंगी जहाज भी बना रहा है जो उससे समुद्री इलाकों में उसकी क्षमता को और बढ़ा देंगे।

भारत के मुकाबले पाकिस्‍तान नेवी कमजोर
भारत के पास 140 जंगी जहाज हैं और IOR में उसके पास भौगोलिक एडवांटेज है। मगर उसके पास केवल एक एयरक्राफ्ट कैरियर, 10 डिस्‍ट्रॉयर, 14 फ्रिजेट्स, 11 कॉर्वेट्स के अलावा 15 डीजल-इलेक्ट्रिक और दो न्‍यूक्लियर-पावर्ड पनडुब्बियां हैं। पाकिस्‍तान नेवी जिस तरह से आधुनिकीकरण में लगी है, उससे भारत को चिंता होना लाजिमी है। पड़ोसी मुल्‍क के पास अभी केवल 9 फ्रिजेट्स, पांच पनडुब्बियां, 10 मिसाइल बोट और तीन मिनीस्‍वीपर्स हैं। मगर चीन से उसे 2021-22 तक चार नए स्‍टेल्‍थ फ्रिजेट्स मिलने हैं जिनकी क्षमता चार हजार नॉटिकल मील तक है। इसके अलावा चीन उसे पनडुब्बियां भी देगा। पाकिस्‍तान ने अपनी पांच पनडुब्बियों को अपग्रेड भी कराया है। इसके अलावा उसे चार ऐंटी-सबमरीज वॉरफेयर कॉर्वेट्स भी तुर्की से मिलने वाली हैं।

व्हाट्सएप पर समाचार प्राप्त करने के लिए यंहा टैप/क्लिक करे वीडियो समाचारों के लिए हमारा यूट्यूब चैनल सबस्क्राईब करे