किसानों के मार्च से पहले किले में तब्दील हुई राजधानी दिल्ली, सील किए गए सभी बॉर्डर
नई दिल्ली: किसान आंदोलन के चलते एक बार फिर से दिल्ली और हरियाणा हाई अलर्ट पर हैं. जिसके चलते राजधानी दिल्ली के सभी बॉर्डरों को सील कर दिया गया. दरअसल. किसान यूनियनों ने मंगलवार को ‘दिल्ली चलो’मार्च का ऐलान किया है. इस ऐलान के बाद से ही पुलिस हाई अलर्ट पर है. किसानों के इस मार्च को रोकने के लिए सिंघु और गाजीपुर समेत दिल्ली की सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है. पुलिस ने इस सीमाओं पर कंक्रीट के अवरोधक, सड़क पर बिछने वाले नुकीले अवरोधक और कंटीले तार लगा दिए है. कानून व्यवस्था को बनाए रखने के के लिए पुलिस ने जगह-जगह निषेधाज्ञा लागू कर दी है. साथ ही जगह-जगह पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है.
दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में धारा 144 लागू
किसानों के दिल्ली चलो मार्च के चलते राजधानी के उत्तर-पूर्वी जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दि गई है. पुलिस को प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए सभी कोशिशें करने के निर्देश दिए हैं. राजधानी से लगने वाली सभी सीमाओं पर पुलिस ने जांच तेज कर दी है. उत्तर-पूर्व दिल्ली के पुलिस उपायुक्त जॉय तिर्की ने आदेश दिया है कि किसी को भी कानून-व्यवस्था की स्थिति का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
अस्थाई जेल में तब्दील हुए हरियाणा के दो स्टेडियम
उधर हरियाणा के अधिकारियों ने अंबाला के पास शंभू में पंजाब से लगने वाली सीमा को सील कर दिया है. किसानों का मार्च को रोकने के लिए जींद और फतेहाबाद जिलों की सीमाओं कड़े इंतजाम किए गए हैं. प्रशासन ने सिरसा स्थित चौधरी दलबीर सिंह इंडोर स्टेडियम और डबवाली के गुरु गोविंद सिंह स्टेडियम को अस्थायी जेल में तब्दील कर दिया है.
जहां उपद्रव करने वाले किसानों को हिरासत में लेने के बाद इन जेल में शिफ्ट किए जाने की तैयारी है. इसी के साथ हरियाणा सरकार ने शांति भंग होने की आशंका के चलते 11 से 13 फरवरी तक सूबे के जिलों अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं के साथ एक साथ कई एसएमएस भेजने पर भी रोक लगा दी है.
दंगारोधी वज्र वाहनों की तैनाती
किसानों के मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. प्रदर्शनकारियों के पुलिस अवरोधक फांदने से रोकने के लिए हरियाणा के घग्गर फ्लाईओवर पर सड़क के दोनों ओर लोहे की चादरें लगाई गई हैं. इसके साथ ही दंगारोधी वाहन वज्र को भी तैनात किया गया है. पुलिस ने घग्गर नदी के तल की भी खुदाई कराई है, जिससे कोई प्रदर्शनकारी पैदल इसे पार न कर पाए.
क्यों आंदोलन करने पर उतारू हैं किसान
दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के ज्यादातर किसानो संघों अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने की मांग की है. इसके साथ ही किसानों की कुछ और भी मांगें है. अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए किसान केंद्र सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं. जिसके चलते अब उन्होंने दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है.