दुनियाभर में मृतकों की संख्या 13,000 के करीब, इटली में सेना उतारने का भी नहीं हो रहा असर
इटली में सेना उतारने पर भी नहीं सुधरे हालात
कोरोना से चीन के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित इटली ने आखिरकार अपने उत्तरी क्षेत्र में सेना उतारने का फैसला कर लिया जो लॉकडाउन को सही से लागू करा सके। हालांकि, इसका असर इटली पर होता नहीं दिख रहा है। हर दिन यह मौत का नया रेकॉर्ड बनाते जा रहा है। शनिवार को अकेले 793 लोगों की मौत हो गई और एक दिन में 6,557 लोग संक्रमित पाए गए है। मृतकों की संख्या 4,825 हो गई है। कुल संक्रमित लोगों की संख्या 53 हजार के पार हो गया है। वहीं, चीन की बात करें तो वहां नए मामलों में कमी आई है।
उधर, ब्रिटेन में भी शुक्रवार रात से लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था। यहां आश्चर्यजनक तरीके से इसका असर देखने को मिला है। ब्रिटेन में पिछले 24 घंटे से कोई नया केस नहीं आया है।
डोनाल्ड ट्रंप लाए कोरोना का इलाज
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कोरोना वायरस के मरीजों के लिए दवाई की घोषणा की। उन्होंने दुनिया के सामने हाइड्रोक्जिक्लोरोक्वीन और एजिथ्रोमाइसिन नाम की दो दवाई पेश की है और दावा किया है कि ये मेडिसिन के इतिहास में गेम चेंजर साबित होंगी। हालांकि, उनक इस दावे पर डॉक्टर्स में सहमति नहीं है और उनका कहना है कि ट्रंप को लोगों को झूठी उम्मीद नहीं बंधानी चाहिए। कोरोना से अमेरिका में 265 लोगोंं की मौत हो गई है और मरने वालों की संख्या 20 हजार के करीब पहुंच गई है।
भारत में 312 पॉजिटिव केस, जनता कर्फ्यू का रिर्हसल जारी
धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं। अब तक 312 लोगों के पॉजिटिव होने की पुष्टि हो चुकी है। चूंकि अभी इसका कोई इलाज मौजूद नहीं तो केंद्र सरकार ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का ऐलान किया है। इसके पहले आज नोएडा से लेकर पटना और बेंगलुरु में इसका रिहर्सल देखने को मिला। कहीं लोग बालकनी में खड़े होकर तालियां बजाते दिखे, तो कहीं सड़कें सूनसान रहीं। कई लोग आज स्थानीय बाजारों से जरूरी सामानों की खरीददारी करते हुए भी देखे गए।
कोरोना संक्रमित टॉप-5 राज्यों में महाराष्ट्र, करेल, यूपी, दिल्ली और राजस्थान है। सभी राज्यों में एहतियाती कदम उठाए गए हैं। स्कूल-कॉलेज, मॉल, जिम, म्यूजियम औऱ सामूदायिक भवनों को बंद कर दिया गया है। सार्वजनिक परिवहन को सेनिटाइज किया जा रहा है।
24 घंटे में 1600 केस, जर्मनी में क्वारनटाइन की घोषणा
जर्मनी यूरोप का तीसरा सबसे संक्रमित देश बन गया है। यहां ंपिछले 24 घंटे के दौरान 1600 से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि, मौत का आंकड़ा काफी कम है। यहां 73 लोगों की कोरोना से जानें गई हैं। जर्मनी ने संक्रमण को रोकने के लिए सेल्फ क्वारनटाइन की घोषणा की है। बावारिया, सारलैंड, राइनेलैंड, हमबर्ग, निचला सैक्सोनी और हेसे इलाके आंशिक रूप से लॉकडाउन झेल रहा है।
पाकिस्तान में तेजी से बढ़ रहे मामले, अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द
पाकिस्तान में हालात बदतर
पाकिस्तान में कोरोना वायरस अब बेकाबू होता नजर आ रहा है। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, मुल्क में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 730 हो गई है। वहीं द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 700 को पार कर गई है। सिंध में 396 मामले सामने आए हैं। सूबे में तेजी से बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए सिंध की सरकार लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है। डॉन न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 137 जबकि बलुचिस्तान में 104 मामले पाए गए हैं।
हालात इतने खराब है कि पाकिस्तान में इस वायरस से मुकाबले के लिए चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी है। इससे मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों में भारी नाराजगी है। इस्लामाबाद के चार सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने धमकी दी है कि अगर उन्हें निजी सुरक्षात्मक उपकरण मुहैया नहीं कराए गए तो वे मंगलवार से कामकाज बंद कर हड़ताल कर देंगे। इससे पाकिस्तानी हुक्मरानों के हाथपांव फूल गए हैं।
एक ओर जहां कोरोना वायरस के प्रकोप पर अंकुश लगाने के लिए दुनिया के कई देश लॉकडाउन जैसे सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से इन्कार कर दिया है। उन्होंने आवागमन के लिए अफगानिस्तान से लगती पाकिस्तान की एक सीमा भी खोलने का आदेश दिया है। इस बीच वायरस पर अंकुश लगाने के प्रयास में बलूचिस्तान की प्रांतीय सरकार ने प्रांत में 21 दिनों के लिए आंशिक लॉकडाउन का एलान किया है।
जियो न्यूज के अनुसार, विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते मामलों के मद्देनजर पूरे पाकिस्तान को लॉकडाउन कर देना चाहिए। लेकिन इमरान ने कहा, ‘लॉकडाउन का मतलब कफ्र्यू जैसे हालात से होता है। इससे मुल्क में अशांति पैदा हो जाएगी और हम यह बर्दाश्त नहीं कर सकते। इससे गरीबों की परेशानी बढ़ जाएगी। हम आर्थिक पैकेज के मामले में दूसरे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते, लेकिन हम कोरोना वायरस के प्रभाव से अपने निम्न और श्रमिक वर्ग की सुरक्षा करेंगे।’
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