बलिदान की महागाथा है खाटूश्याम का बलिदान

बलिदान की महागाथा है खाटूश्याम का बलिदान
  • सहारनपुर में गंगोह में खाटूश्याम कथा का श्रवण करती श्रद्धालु महिलाएं।

सहारनपुर। कथाव्यास स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि महाभारत में शीश के दान ने बरबरीक को कलयुग का श्याम देव बना दिया।

स्वामी कालेंद्रानंद महाराज कस्बा गंगोह के मौहल्ला मखदूम सराय में श्री बांके बिहारी सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् खाटू श्याम कथा महोत्सव में ज्ञान की अमृत वर्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महाभारत के युद्ध में 14 वर्षीय बरबरीक ने श्रीकृष्ण को अपने शीश का दान उस हालत में किया था जब उनके पास तीन बाणों की ऐसी शक्ति थी जिनसे वह पूरी सृष्टि का विनाश कर सकते थे तथा महाभारत के युद्ध को क्षणभर में समाप्त कर सकते थे परंतु उन्होंने धर्म की विधि पर अपना बलिदान देना ही सर्वोच्च कर्म समझा तथा भगवान श्रीकृष्ण को सहर्ष अपना शीश दान कर दिया।

उन्होंने कहा कि जो जीव धर्म की वेदी पर अपना सर्वस्व अर्पण कर अपने जीवन का बलिदान करता है वह आने वाले लोगों के लिए एक इतिहास तथा अमरकथा बनकर युगों-युगों तक लोगों के पथ प्रदर्शक का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि खाटू श्याम की कथा बलिदान की महागाथा है जिसका अनुसरण कर प्रत्येक जीव अपने जीवन के सर्वोच्च शिखर पर स्थापित कर सकता है। इस अवसर पर राकेश शर्मा, सुभाष चंद सैनी, धनप्रकाश शर्मा, त्रिभुवन शर्मा, अंकुर सैनी आदि मौजूद रहे।

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