लखनऊ :  विधान परिषद की दो रिक्त सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में समाजवादी पार्टी भाजपा को निर्विरोध चुनाव नहीं जीतने देगी। भले ही सपा के पास चुनाव जीतने के लिए 202 विधायक न हों लेकिनपार्टी दोनों ही सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। सपा ने गुरुवार को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। इसमें प्रत्याशी तय करने के बाद गुरुवार को अंतिम दिन नामांकन भी कराएगी।

पार्टी अति पिछड़ा व दलित उम्मीदवार पर दांव लगाने जा रही है। सिक्किम के राज्यपाल बनने के बाद भाजपा एमएलसी लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने 15 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। वहीं, बनवारी लाल दोहरे की 15 फरवरी को मृत्यु होने के बाद दोनों ही सीटें रिक्त हो गईं थीं। लक्ष्मण प्रसाद आचार्य का कार्यकाल 30 जनवरी 2027 तक था, जबकि बनवारी लाल दोहरे का कार्यकाल छह जुलाई 2028 तक था।

एमएलसी की यह दोनों ही सीटें उत्तर प्रदेश विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की हैं। इन्हीं दो रिक्त सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। 29 मई को मतदान होगा। भाजपा ने एमएलसी उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा मंगलवार को ही कर दी थी। पार्टी ने प्रदेश उपाध्यक्ष मान्वेंदर सिंह और पद्मसेन चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। नामांकन की अंतिम तारीख 18 मई है। भाजपा प्रत्याशी भी गुरुवार को ही नामांकन पत्र भरेंगे।

सपा भी गुरुवार को प्रत्याशियों का नामांकन कराएगी। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गुरुवार को सुबह 10 बजे विधायकों की बैठक बुलाई है। इसमें प्रत्याशी का नाम तय करने के साथ ही उनका नामांकन कराया जाएगा। भाजपा ने एक कुर्मी व एक ठाकुर बिरादरी के उम्मीदवार उतारे हैं। सपा इस चुनाव में एक अति पिछड़ा व एक दलित उम्मीदवार को चुनाव लड़ाएगी।

पार्टी के पास भले ही जीतने के लिए 202 विधायकों के मत न हों लेकिन वह इस चुनाव के जरिए अति पिछड़ों व दलितों को यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि उन्हें हिस्सेदारी सपा ही देगी। 403 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के 255 सदस्य हैं। भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) की 13 व निषाद पार्टी की छह सीटें हैं। सपा के 109 विधायक हैं जबकि उनके गठबंधन में शामिल रालोद के नौ विधायक हैं।

विधानसभा में दलीय स्थिति

  1. भाजपा-255
  2. सपा-109
  3. कांग्रेस-2
  4. बसपा-1
  5. अपना दल (सोनेलाल)-13
  6. निषाद पार्टी-6
  7. रालोद-9
  8. सुभासपा-6
  9. जनसत्ता दल लोकतांत्रिक-2