न्यूटन की वह गलती जो 300 सालों बाद पकड़ में आई
क्या थी गलती?
उन्होंने Principia के तीसरे वॉल्युम में आठवें नंबर के प्रमेय में अपने सिद्धांत को सही साबित करने की कोशिश की है। इसके लिए उन्होंने ज्ञात ग्रहों जैसे शनि, बृहस्पति और पृथ्वी का द्रव्यमान, पृष्ठीय गुरुत्वाकर्षण और घनत्व की गणना की। द्रव्यमान निकालने के लिए उनको दो रेखाओं के बीच के कोण की वैल्यू चाहिए थी। इनमें से एक रेखा धरती के केंद्र से होकर सूर्य तक जाती है और दूसरी रेखा धरती के एक बिंदु से सूर्य तक जाती है। आधुनिक विज्ञान में इन दोनों रेखाओं के बीच का कोण 8.8 सेकंड्स माना जाता है। न्यूटन का मानना था कि इसका मूल्य 10.5 सेकंड्स है लेकिन गलती से उन्होंने 11 सेकंड्स लिख दिया था।
गलती पकड़ने वाले गैरिस्टो
इस गलती को पकड़ा था रॉबर्ट गैरिस्टो ने साल 1987 में। उस समय गैरिस्टो 23 साल के थे और वह यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के छात्र थे। दरअसल गैरिस्टो अपना क्लास असाइनमेंट आम दिनों की तरह कर रहे थे। जब उन्होंने उन गणनाओं को दोहराया तो उनकी पकड़ में गलती आई। जब उन्होंने अपना असाइमेंट जमा किया तो उनके टीचर ने उनको ए प्लस दिया। इस काम के लिए बाद में उनको सम्मान भी मिला।
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