हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर रोक, भारत ने WHO से कहा- एक बार ICMR से तो बात कर लेते

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर रोक, भारत ने WHO से कहा- एक बार ICMR से तो बात कर लेते

 

  • भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को ई-मेल कर अपनी शिकायत दर्ज कराई है
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि HCQ के ट्रायल रोकने का फैसला लेने से पहले संपर्क तो कर लेते
  • ICMR ने स्पष्ट किया है कि भारत में अब तक के परीक्षणों में HCQ के कोई बड़ा दुष्प्रभाव नहीं दिखा है

नई दिल्ली
भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को बताया है कि मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के देश में कोविड-19 के संबंध में अब तक ट्रायल से किसी बड़े साइड इफेक्ट की पुष्टि नहीं हुई है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार रात को वैश्विक स्वास्थ्य संस्था को ई-मेल भेजा। सूत्रों ने बताया, ‘डब्ल्यूएचओ से कहा गया कि जांच स्थगित करने से पहले शायद सभी रिपोर्टों पर विचार नहीं किया गया। उन दूसरी दवाइयों के ट्रायल को लेकर भी यही सचाई हो सकती है जिन पर अलग-अलग रिपोर्ट आ रही हैं।’

भारत की WHO से शिकायत

स्वास्थ्य मंत्रालय ने डब्ल्यूएचओ से यह भी शिकायत की कि उसने फैसला लेने से पहले भारतीय आर्युविज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) से बात करने की भी जहमत नहीं उठाई। सूत्रों के मुताबिक ईमेल में कहा गया, ‘ICMR से भी संपर्क नहीं किया गया जो भारत में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर ट्रायल की अगुवाई कर रहा है।’ ध्यान रहे कि आईसीएमआर के महानिदेशक (डीजी) डॉ. बलराम भार्गव ने स्पष्ट कहा है कि भारत में कोविड-19 से बचाव के मकसद से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल को लेकर अब तक के परीक्षण में किसी भी बड़े दुष्प्रभाव के सबूत नहीं मिले जबकि फायदे के संकेत जरूर मिले।

ICMR ने स्पष्ट की स्थिति
भार्गव ने कहा, ‘भारत में हुए अध्ययनों में एचसीक्यू के कोई अहम दुष्प्रभाव सामने नहीं आए हैं। कोविड-19 के इलाज में इसका इस्तेमाल जारी रहना चाहिए।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमारी स्पष्ट सलाह है कि एचसीक्यू को खाने के साथ लिया जाना चाहिए, खाली पेट नहीं। इलाज के दौरान एक ईसीजी किया जाना चाहिए।’ डॉ. भार्गव ने कहा, ‘कोविड-19 एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में जानकारी धीरे धीरे सामने आ रही है और हमें नहीं पता कि कौन सी दवा काम कर रही है और कौन सी दवा काम नहीं कर रही है। कई दवाएं कोविड-19 के लिए इस्तेमाल के लिए निर्धारित की जा रही हैं, चाहे वह इससे बचाव के लिए हों या इलाज के लिए हों।’

किसी बड़े दुष्प्रभाव का संकेत नहीं
उन्होंने कहा, ‘हमने मिचली आने, उल्टी आने और बेचैनी होने को छोड़कर कोई प्रमुख दुष्प्रभाव नहीं पाया है। इसलिए हम हमारे परामर्श में सिफारिश करते हैं कि इसका इस्तेमाल बचाव के लिए जारी रखना चाहिए क्योंकि इससे कोई हानि नहीं है। लाभ जरूर हो सकता है।’ उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट तौर पर ‘‘सलाह दी गई है कि एचसीक्यू भोजन के साथ लेनी चाहिए, खाली पेट नहीं।’

ICMR की HCQ पर ये सुझाव
उन्होंने कहा, ‘हमने इस बात पर भी जोर दिया है कि इलाज के दौरान ईसीजी किया जाना चाहिए। हमने एचसीक्यू के संभावित लाभ पर विचार करते हुए इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के अलावा कोविड-19 की रोकथाम में अग्रिम मोर्चे पर लगे कर्मियों पर भी करना शुरू किया है।’ भार्गव कोविड-19 पर देश में स्थिति को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि आईसीएमआर ने जांच सुविधाएं बढ़ाई हैं और प्रतिदिन एक लाख से अधिक व्यक्तियों की जांच की जा रही है।

कोविड-19 मरीजों के ठीक होने की दर में वृद्धि जारी
उधर, स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अगरवाल ने कहा कि देश में कोविड-19 मामलों के ठीक होने की दर में वृद्धि की प्रवृत्ति देखी गई है। उन्होंने कहा, ‘देश में कोविड-19 मरीजों के ठीक होने की दर में सुधार जारी है और यह वर्तमान में 41.61 प्रतिशत है। कोविड-19 से मृत्यु की दर 15 अप्रैल को 3.3 प्रतिशत से कम होकर 2.87 प्रतिशत हो गई है जो कि विश्व में सबसे कम है।’

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