चार चुनाव में 40 से 4 फीसदी तक पहुंची कांग्रेस, दो बार से तो ‘जीरो’ पर हुई आउट

चार चुनाव में 40 से 4 फीसदी तक पहुंची कांग्रेस, दो बार से तो ‘जीरो’ पर हुई आउट
  • 12 सालों में 40 से चार फीसदी पर पहुंची कांग्रेस
  • 2008 में लगातार तीसरी बार बनाई थी सरकार
  • 2015 में जीरो पर पहुंची कांग्रेस पार्टी
  • पिछले दो बार से जीत के लिए तरसी कांग्रेस

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की जीत लगभग तय है। आप 63 सीटों पर आगे है जबकि भाजपा सात सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। वहीं, कांग्रेस एक बार फिर बुरी तरह हार रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में कांग्रेस के खाते में एक भी सीट नहीं आई थी, इस बार भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। लगातार तीन बार सरकार बनाने वाली कांग्रेस अब अर्श से फर्श पर आ गई है। दिल्ली की जनता ने पार्टी को सिरे ने नकार दिया है।

2008 में कांग्रेस ने जीत दर्ज करते हुए सरकार बनाई थी। तब पार्टी का वोट प्रतिशत 40 फीसदी था जोकि लगातार गिरता चला गया। चार चुनावों में कांग्रेस 40 फीसदी से चार प्रतिशत पर आ गई।  हम आपको बता रहें हैं कि दिल्ली में 2008 से 2020 तक, किस तरह कांग्रेस का वोट प्रतिशत गिरता चला गया।

2008 में लगातार तीसरी बार बनाई सरकार

कांग्रेस ने 2008 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करते हुए सरकार बनाई। 2008 में कांग्रेस को 40.31 फीसदी वोट मिले। 70 विधानसभा सीटों में से कांगेस ने 43 सीटों पर जीत हासिल की और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं। वहीं, भाजपा को 36.34 फीसदी वोट मिले। भाजपा ने 23 सीटों पर जीत दर्ज की। 2008 में कुल 57.58 फीसदी मतदान हुआ।

वोट शेयर में 15 फीसदी की गिरावट

2013 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा। 2008 में जहां पार्टी का वोट प्रतिशत 40 फीसदी था वो 2013 में घटकर 25 प्रतिशत पर आ गया। कांग्रेस की सीटें 43 से घटकर 8 पर पहुंच गईं। कांग्रेस को 24.55 प्रतिशत, भाजपा को 33.07 और आप को 29.49 फीसदी वोट मिले।

70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 32, आप को 28, कांग्रेस को 8 और अन्य को दो सीटें मिलीं। आप-कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई। चुनाव में दिल्ली के 65.63 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट किया।

2015 में जीरो पर पहुंची कांग्रेस

2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा, उसे 10 फीसदी से भी कम वोट मिले और उसे एक भी सीट नहीं मिली। सिर्फ सात सालों में ही कांग्रेस का वोट प्रतिशत 40 से घटकर 9.7 फीसदी पर आ गया। वहीं, आप का वोट शेयर 24 फीसदी से बढ़कर करीब 50 फीसदी हो गया।

आप ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 67 सीटें हासिल कर विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया। भाजपा महज तीन सीटों पर सिमट गई। चुनाव में दिल्ली के 67.12 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट किया।

अब चार फीसदी रह गया वोट

2020 विधानसभा चुनाव अगर किसी पार्टी के लिए सबसे बुरा साबित हुआ है तो वो कांग्रेस है। चुनाव के नतीजे लगातार आ रहे हैं लेकिन चुनाव आयोग के मुताबिक कांग्रेस का वोट प्रतिशत 2015 से भी कम हो गया है। कांग्रेस को अभी तक 4.26 प्रतिशत वोट मिले हैं। ये पिछले 12 सालों में पार्टी का सबसे खराब प्रदर्शन है।

वहीं, आम आदमी पार्टी को एक बार फिर से प्रचंड बहुमत मिला है। जीत सुनिश्चित होने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता का शुक्रिया अदा किया। केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली वालों गजब कर दिया आपने! आई लव यू।’ उन्होंने कहा कि यह सभी दिल्लीवासियों की जीत है। दिल्ली ने तीसरी बार अपने बेटे पर भरोसा जताया है, इसके लिए शुक्रिया। यह नई राजनीति देश के लिए शुभ संदेश है। दिल्ली ने नई राजनीति को जन्म दिया है।

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