शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में सात दिवसीय वेबिनार का आयोजन

शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में सात दिवसीय वेबिनार का आयोजन

गंगोह [24CN] : कॅुवर शेखर विजेन्द्र मेडिकल काॅलेजऑफ  नैचुरोपैथी एण्ड़ योगिक सांईसेज ने शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के तत्वाधान में सात दिवसीय वेबिनार का आयोजन ‘योग एवं उसके महत्व‘ पर किया। वेबिनार का मुख्य उद्देश्य श्रोताओं को योग के महत्व को रेखांकित करना एवं यह बतलाना था कि योग अभ्यास से आप अपने शरीर एवं मन को अनेकानेक बीमारियों एवं विकारों से मुक्त रख सकते है। इस पुरे आयोजन को सात अलग-अलग सत्रों में बाट कर प्रत्येक दिन अलग विषय पर व्याख्यान रखे गये थे, जैसे कि पहले दिन योग एवं स्वास्थय पर, दूसरे दिन तनाव को कम करने में योग की भूमिका, तीसरे दिन योग और मानसिक स्वास्थय, चैथे दिन योग और प्रतिरोधक क्षमता इत्यादि। इन सभी सत्रों को अलग-अलग सस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के डाॅक्टर्स एवं प्रोफेसर्स ने सम्बोधित किया। डाॅ0 ईश्वर भारद्वाज, डीन एकेडमिक, देव संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार, डाॅ0 सुरेन्द्र त्यागी, प्रोफेसर, योगिक सांईस डिपार्टमेण्ट, गुरूकुल काॅगंडी विश्वविद्यालय, हरिद्वार, आदि वक्ताओं ने सम्बोधित किया।

इन सभी वक्ताओं ने अपनें वक्तव्य में बताया कि योग अभ्यास एक प्राचीन रूप है जो भारतीय समाज में हजारों साल पहले विकसित हुआ था और उसके बाद से लगातार इसका अभ्यास किया जा रहा है। इस योग प्रणाली में किसी व्यक्ति को सेहतमंद रहने के लिए और विभिन्न प्रकार के रोगों और अध्यमताओं से छुटकारा पाने के लिए एक मजबूत एवं सशक्त विधि के रूप भी माना जाता है जो मन एवं शरीर को आराम देने में मदद करता है।

इस वेबिनार को आयोजित कराने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डाॅ0) रणजीत सिंह ने डाॅ0 कपिल मोहन, प्रिंसिपल कुॅवर शेखर विजेन्द्र मेडिकल काॅलेज नैचुरोपैथाी एण्ड यौगिक सांईसेज को एवं उनकी पूरी टीम को बधाई दी और अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि योग शरीर एवं मन को नियंत्रित करने में मदद करता है। शरीर और मन को शान्त करने के लिए यह शारीरिक और मानसिक अनुशासन का एक सन्तुलन बनाता है। यह तनाव एवं चिंता का प्रबंधन करने में भी सहायता प्रदान करता है। योग आसन-शक्ति, शरीर में लचीलेपन और आत्म विश्वास विकसित करने के लिए जाना जाता है। विश्व के लगभग दो अरब लोग एक सर्वेक्षण के मुताबिक योगाभ्यास करते है।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ0 महीपाल सिंह ने अपने विचार प्रकट किये और कहा कि आज की तनावपूर्ण जीवनशैली योग तनाव को कम करने का सर्वोत्तम माध्यम है। तनाव का होना इन दिनों आम बात जिससे शरीर एवं मन पर प्रतिकुल प्रभाव पडता है।

डाॅ0 कपिल मोहन ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में सर्वप्रथम संस्था के कुलपति एवं कुलसचिव का आभार प्रकट किया कि उन्होनें यह कार्यक्रम आयोजित कराने का अवसर प्रदान किया। उन्होनें सभी आमंत्रित वक्ताओं का धन्यवाद किया, जिन्होनें समाय निकालकर कार्यक्रम को सम्बोधित किया। डाॅ0 कपिल मोहन ने अपने विभाग के सभी फैकल्टी मेम्बर्स को भी धन्यवाद ज्ञापित किया क्योकि उनके सहयोग बिना यह कार्यक्रम आयोजित कराना सम्भव नही थी।

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