शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में श्री नरेंद्र सेवा पखवाड़े के अंतर्गत ‘पंच प्रण’ “नागरिकों में कर्तव्य की भावना” लक्ष्यों पर संगोष्ठी का आयोजन

शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में श्री नरेंद्र सेवा पखवाड़े के अंतर्गत ‘पंच प्रण’ “नागरिकों में कर्तव्य की भावना” लक्ष्यों पर संगोष्ठी का आयोजन

गंगोह [24CN] : दिनांक 26-09-2022 को श्री जे.पी. माथुर चैरिटेबल ट्रस्ट दिल्ली के तत्वाधान में चल रहे श्री नरेंद्र सेवा सेवा पखवाड़े के दसवें दिन शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में देश के यशस्वी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा चिन्हित ‘पंच प्रण’ लक्ष्यों में “नागरिकों में कर्तव्य की भावना” पर शैक्षिक सम्मेलन संगोष्ठी कार्यशाला का आयोजन किया गया तथा स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट एंड लैंग्वेजेज विभाग द्वारा जागरूकता रैली एवं पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसकी थीम “असमानता को दूर करना” रही।

आज के कार्यक्रमों की शुरुआत शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह, कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह, मुख्य अतिथि पदम श्री प्रो. ओम प्रकाश गांधी एवं संस्था के केयर टेकर सूफी जहीर अख्तर द्वारा मां सरस्वती एवं बाबू विजेंद्र जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम में शिक्षा विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत कुमार ने सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया।

सर्वप्रथम शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह ने मुख्य अतिथि पदम श्री प्रो. ओम प्रकाश गांधी जी को पुष्प-गुच्छ एवं शॉल भेंट कर उनका स्वागत किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पदम श्री प्रो. ओम प्रकाश गांधी ने सभागार में उपस्थित सभी छात्र एवं छात्राओं से चर्चा करते हुए अपने उध्बोधन में कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहाँ नागरिक पूरी स्वतंत्रता के साथ रहते हैं, भारतीय नागरिकों को मौलिक अधिकार अच्छे जीवन की आवश्यक और आधारभूत परिस्थितियों के लिए दिए गए हैं। इसके साथ साथ हमें कुछ मौलिक कर्तव्य भी दिए गए हैं, हम सभी इन कर्तव्यों का पालन कर राष्ट्रहित में अपना योगदान दे सकते है। उन्होंने आगे कहा कि मौलिक कर्तव्यों के तहत नैतिक और नागरिक दोनों ही प्रकार के कर्तव्य शामिल किये गए हैं। उदाहरण के लिये ‘स्वतंत्रता के लिये हमारे राष्ट्रीय संघर्ष को प्रेरित करने वाले महान आदर्शों का पालन करना’एक नैतिक कर्तव्य है, जबकि ‘संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज एवं राष्ट्रीय गान का आदर करना’एक नागरिक कर्तव्य है। यह सब हमारे जीवन का आधार है, और मूलमंत्र भी।

इस अवसर पर संस्था के केयर टेकर सूफी जहीर अख्तर ने कहा कि किसी भी कर्तव्य का पालन करना अपने आप में महत्वपूर्ण तब साबित होता है, जब हम उसको स्वयं की जिम्मेदारी समझकर करे इसके लिए हम दुसरो पर निर्भर न रहे। कोई भी दायित्व कितना महत्वपूर्ण है इसका निर्णय आपको स्वयं को ही करना है और उस कार्य को कितनी लग्नता के साथ करना है यह भी आप पर ही निर्भर करता है।

इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह एवं कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह ने कार्यक्रम के आयोजकों को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के अंत में यूटीडीसी डायरेक्टर प्रो.(डॉ.) श्रीकांत गुप्ता ने मुख्य अतिथि पदम श्री प्रो. ओम प्रकाश गांधी जी एवं सभा में उपस्थित सभी सम्मानित अतिथिगणों का धन्यवाद प्रेषित किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

इस अवसर पर डॉ. भूपेंद्र चौहान, डॉ. शिवानी, डॉ. विनोद कुमार, राजीव उपाध्याय, आदेश कुमार, विनोद राठी, राहुल कुमार आदि शिक्षकगण उपस्थित रहे।

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