20 साल पुराने मानहानि केस में मेधा पाटकर दोषी करार, दिल्ली के LG वीके सक्सेना से जुड़ा है मामला

20 साल पुराने मानहानि केस में मेधा पाटकर दोषी करार, दिल्ली के LG वीके सक्सेना से जुड़ा है मामला

दिल्ली की साकेत कोर्ट ने नर्मदा बचाओ आंदोलन (NBA) की नेता मेधा पाटकर को दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि मामले में शुक्रवार को दोषी ठहराया। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने पाटकर को आपराधिक मानहानि का दोषी पाया। संबंधित कानून के तहत, सामाजिक कार्यकर्ता पाटकर को 2 साल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकती हैं।

कोर्ट ने क्या कहा?

साकेत कोर्ट ने मेधा पाटकर को दोषी ठहराते हुए कहा, “शिकायतकर्ता को कायर, देशभक्त नहीं और हवाला लेनदेन में शामिल होने का आरोप लगाने वाले आरोपी के बयान न केवल मानहानिकारक थे, बल्कि नकारात्मक धारणाओं को भड़काने के लिए भी तैयार किए गए थे।”

क्या था मामला?

पाटकर और सक्सेना के बीच वर्ष 2000 से ही एक कानूनी लड़ाई जारी है, जब पाटकर ने उनके और नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) के खिलाफ विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए सक्सेना के खिलाफ एक वाद दायर किया था। सक्सेना उस समय अहमदाबाद स्थित गैर सरकारी संगठन (NGO) नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज के प्रमुख थे। सक्सेना ने भी एक टीवी चैनल पर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने और प्रेस को मानहानिकारक बयान जारी करने के लिए पाटकर के खिलाफ दो मामले दायर किए थे।

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