नई दिल्ली। मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया दीदी भारत के दौरे पर हैं। वह भारतीय नौसेना अकादमी में पासिंग आउट परेड की समीक्षा करने वाली पहली विदेश रक्षा मंत्री होंगी। बता दें कि इससे पहले रक्षा मंत्री ने कहा था कि मालदीव और भारत के बीच संबंध ‘पहले की तुलना में काफी मजबूत हुए हैं। उन्होंने कहा था कि जरूरत के समय भारत ने हमेशा माले की सहायता की है। एक रक्षा सम्मेलन के दौरान दीदी ने विकास के सभी क्षेत्रों में मालदीव को भारत के सहयोग की भी सराहना की थी। उन्होंने कहा था कि आज मालदीव और भारत के बीच संबंध काफी मजबूत हैं। यह हमारे साझा मूल्यों और इतिहास पर ही निर्भर नहीं है, बल्कि जरूरत के समय सबसे पहले भारत हमारी मदद के लिए खड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा था कि 2004 में सुनामी आपदा से लेकर कोरोना महामारी से लड़ने में सहयोग देने तक भारत ने सबसे पहले मदद दी है। दीदी ने कहा कि मालदीव के राष्ट्रपति और लोगों की तरफ से मैं भारत की सरकार और लोगों की हमारे देश की हर क्षेत्र में प्रगति में सहयोग के लिए प्रशंसा करती हूं। उन्होंने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण के प्रयास में हम भारत को शुभकामनाएं देते हैं।

दीदी ने कहा कि मालदीव के राष्ट्रपति और लोगों की तरफ से मैं भारत की सरकार और लोगों की हमारे देश की हर क्षेत्र में प्रगति में सहयोग के लिए प्रशंसा करती हूं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के प्रयास में हम भारत को शुभकामनाएं देते हैं। उन्होंने कहा कि 2004 में सुनामी आपदा से लेकर कोविड-19 महामारी से लड़ने में सहयोग देने तक भारत ने सबसे पहले मदद दी। भारत ने पिछले वर्ष सितंबर में मालदीव को महामारी के आर्थिक प्रभाव को कम करने में मदद के लिए 25 करोड़ डॉलर का सहयोग दिया जिसके लिए माले ने भारत को धन्यवाद दिया।

इस दौरान भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने अपने मलेशियाई समकक्ष जनरल टैन श्री दातुक ज़मरोज़ बिन मोहम्मद ज़ैन से फोन पर बात की थी अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया था।