कंगना ने की संस्कृत को राष्ट्रभाषा बनाए जाने की मांग, हिंदी को राष्ट्रभाषा न मानने के किच्चा सुदीप के बयान पर बोलीं अभिनेत्री

- बालीवुड अभिनेत्री कंगना ने हिंदी को लेकर छिड़ी बहस में बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि संस्कृत को राष्ट्रभाषा बनाया जाना चाहिए। आपको बता दें कि इसको लेकर दक्षिण से लेकर उत्तर भारत तक में एक बहस फिर से छिड़ गई है।
मुंबई। कन्नड़ अभिनेता किच्चा सुदीप और अभिनेता अजय देवगन के बीच हिंदी को राष्ट्रभाषा मानने को लेकर शुरू हुए विवाद में अब अभिनेत्री कंगना रनोट भी शामिल हो गई हैं। अभिनेत्री ने संस्कृत को सबसे पुरानी भाषा होने के कारण राष्ट्रभाषा बनाए जाने की मांग की है।शुक्रवार को मुंबई में अपनी आगामी फिल्म धाकड़ के ट्रेलर रिलीज के मौके पर उन्होंने कहा कि जो लोग हिंदी को राष्ट्रभाषा मानने से इन्कार करते हैं, उनका आशय केंद्र सरकार को न मानने से है।
इन बातों के कई पहलू हैं, जब आप इन सब चीजों के बारे में बात करते हैं, तो आपको सारे पहलू पता होने चाहिए। जब आप हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा मानने से इन्कार कर रहे हैं, तो आप हमारे संविधान और दिल्ली की केंद्र सरकार को मानने से इन्कार करते हैं। जर्मन, फ्रांसीसी, स्पेनिश सभी अपनी भाषाओं पर बहुत गर्व करते हैं, लेकिन पता नहीं यह हमारा भाग्य है कि दुर्भाग्य कि बातचीत के मामले में अंग्रेजी हमें एकदूसरे से जोड़ने वाली भाषा बन गई है। हमें यह फैसला करना होगा कि क्या अंग्रेजी हमे जोड़ने वाली भाषा होनी चाहिए या संस्कृत या तमिल।
कंगना ने अजय के बयान का समर्थन करते हुए कहा, अगर कोई यह कहता है कि कन्नड़ और तमिल हिंदी से पुरानी भाषाएं हैं, तो वह भी गलत नहीं कह रहे हैं। जर्मन, अंग्रेजी, फ्रेंच सब संस्कृत भाषा से आई हैं, फिर पता नहीं क्यों यह हमारी राष्ट्रभाषा नहीं है, पता नहीं क्यों यह हमारे स्कूलों में जरूरी नहीं है। बता दें कि हाल ही में किच्चा सुदीप ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं है। जिस पर अजय ने ट्वीट कर पूछा था कि फिर आप अपनी फिल्में हिंदी में क्यों रिलीज करते हैं?
बता दें कि हिंदी को लेकर छिड़ी बहस एक बार फिर से दक्षिण से लेकर उत्तर भारत तक शुरू हो गई है। कंगना के अलावा कई दूसरे बालीवुड सितारों ने भी इसको लेकर बयान दिया है।