संभल में हर्षा रिछारिया बोलीं, ‘हिंदुओं का पक्ष व उनकी बात रखने वाली सिर्फ एक पार्टी, सनातन सिखाता है फूल फेंकना’

इसके साथ साथ यहां पर जो इतने तीर्थ हैं जो हमें अब पता चल रहे हैं। परन्तु भी अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें उनके बारे में पता ही नहीं है तो हम जानकारी उन तक पहुंचाएं कि संभल क्या है कहां है।
युवा सनातन से जुड़ रहे
पता लग रहा संभल का इतिहास
हर्षा ने कहा, कि संभल का जो इतिहास है मुझे भी धीरे धीरे पता चल रहा है। मैं भी उस इतिहास को ढूंढने, खोजने व जानने के लिए निकली हूं, जो मुझे सभी के माध्यम से पता चल रहा है। तो यही इतिहास और आने वाला समय है कहते हैं वेदों, पुराण व शास्त्रों में लिखा है कि संभल ही वो पावन नगरी है जहां कलियुग के अंत में भगवान कल्कि का अवतरण होगा। ऐसे नगर को जानना हम सब सनातनियों का फर्ज है हक है और इसमें हम सभी जानेंगे। साथ ही आने वाली पीढ़ी को भी बताएंगे।
महाकुंभ से आया जिंदगी में बदलाव
हर्षा रिछारिया ने कहा, कि महाकुंभ के दौरान मेरी जिंदगी काफी उतार चढ़ाव वाली रही है, लेकिन मैं इसको बहुत गर्व के साथ कहूंगी कि मैं जो महाकुंभ में सीखा, जाना और महसूस किया उससे मरेी जिंदगी बहुत बदल गई है। पहले एक मामूली लड़की थी वह अब बहुत कुछ सीखी है धर्म के बारे में, शास्त्र, वेद, साधु संतों के बारे में, हिंदू धर्म व रीति रिवाज के बारे में। बहुत कुछ मुझे जानने व सीखने को मिला है।मेरा उद्देश्य युवाओं को धर्म और संस्कृति से जोड़ना है। मेरा जीवन पहले भी बहुत अच्छा था और मैं बहुत अच्छा कमा भी रही थी, लेकिन आज के समय में मेरी जिंदगी बहुत शांति पूर्ण है और मैं उससे बहुत खुश हूं।
सनातन में सिखाया जाता फूल फेंकना, पत्थर फेकना नहीं
जामा मस्जिद बवाल के दौरान हुए पथराव पर हर्षा ने बताया कि हमारी संस्कृति में फूल फेंकना है। जो पत्थर फेंक रहे हैं उनके बारे में क्या बोलूं, वह अपने धर्म, संस्कृति और परवरिश के बारे में बता रहे हैं। हमारे धर्म में ऐसा कुछ नहीं कहा गया है।
हिंदुओं का पक्ष व उनकी बात रखने वाली सिर्फ एक पार्टी
हर्षा ने कहा, कि हिंदुओं के खिलाफ दंगे, उन्हें जिंदा जलाया जाता है, उनकी ट्रेन को जलाया जाता है तब कोई पार्टी बात नहीं करती है। इस इस देश में एक ही पार्टी है जो हिंदुओं के पक्ष में बात कर रही है। जो हिंदुओं की बात को रख रही है। तो बाकी सब उनके विपक्ष में है। यह तो गलत है।