लखनऊ : अपराधियों के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति के तहत चल रही कार्रवाई का नतीजा है कि चिह्नित माफिया की सूची में शामिल कुख्यातों के नाम भी कम हो रहे हैं। बीते बाइस दिनों में सूचीबद्ध दो माफिया पुलिस मुठभेड़ में मारे गए, जबकि इस सूची का हिस्सा रहे अतीक अहमद की प्रयागराज में पुलिस अभिरक्षा में गोली मारकर हत्या कर दी गई।

शासन स्तर से 66 माफिया चिह्नित हैं, जिस सूची में अब 63 नाम बचे हैं। इनमें मुख्तार अंसारी व सुनील राठी समेत 38 माफिया जेल में हैं, जबकि पांच फरार और 20 माफिया जमानत पर बाहर हैं। गुरुवार को एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया कुख्यात अनिल दुजाना भी इस सूची में शामिल था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात अनिल दुजाना 10 अप्रैल को ही जमानत पर अयोध्या जेल से बाहर आया था।

स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि शासन व डीजीपी मुख्यालय स्तर से 66 माफिया सूचीबद्ध किए गए थे, जिनकी निरंतर निगरानी किए जाने के साथ ही उनके गिरोह की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जाती है। इस सूची में शामिल आदित्य उर्फ रवि 12 अप्रैल को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था, जबकि अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को हत्या कर दी गई थी।

मेरठ में अनिल दुजाना एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में मारा गया है। अब सूचीबद्ध 63 माफिया की गतिविधियों पर डीजीपी मुख्यालय की कड़ी नजर रहेगी। वहीं माफिया सूची में शामिल पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात बदन सिंह उर्फ बद्दो, सहारनपुर निवासी पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल उर्फ बाला, गौतमबुद्धनगर का मनोज उर्फ आसे, मेरठ का विनय त्यागी उर्फ टिंकू, लखनऊ का जुगनूवालिया उर्फ हरिविंदर तथा प्रयागराज का जोवद उर्फ पप्पू फरार हैं।

इसके अलावा सूचीबद्ध माफिया बृजेश कुमार सिंह, सुशील उर्फ मूंछ, विनोद शर्मा, एजाज, डब्बू सिंह उर्फ प्रदीप सिंह, गुड्डू सिंह, अनूप सिंह, संजीव द्विवेदी, राकेश यादव व सुधीर कुमार सिंह समेत 20 जमानत पर हैं। इनकी गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है।

स्पेशल डीजी के अनुसार माफिया के विरुद्ध चल रहे अभियान के तहत दुजाना के गिरोह की 2.30 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त कराई गई थी। दुजाना के विरुद्ध 30 मुकदमे कोर्ट में विचाराधीन थे। इस गिरोह के चालीस बदमाशों के विरुद्ध भी विधिक कार्रवाई सुनिश्चित कराई जा रही है।