Bengal Assembly Elections: विधानसभा चुनाव से पहले ममता का बड़ा दांव, एक दिसंबर से शुरू करने जा रही ”द्वार-द्वार सरकार” कार्यक्रम

Bengal Assembly Elections: विधानसभा चुनाव से पहले ममता का बड़ा दांव, एक दिसंबर से शुरू करने जा रही ”द्वार-द्वार सरकार” कार्यक्रम

कोलकाता । बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले लोगों को साधने के लिए मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी एक दिसंबर से ‘दुआरे दुआरे पश्चिम बोंगो सरकार’ (प्रत्येक द्वार पश्चिम बंगाल सरकार) नाम से नया कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। हाल में बांकुड़ा जिले के दौरे में प्रशासनिक बैठक के दौरान ममता ने इसकी घोषणा की थी।

यह कार्यक्रम एक दिसंबर से 30 जनवरी तक जारी रहेगा। इस परियोजना के तहत सरकारी प्रतिनिधि प्रत्येक घर में जाएंगे जहां उनकी समस्याओं को सुना जाएगा और उसके समाधान का प्रयास किया जाएगा। इसके साथ ही इस दौरान परिवार के सदस्य स्वास्थ्य साथी योजना के लिए पंजीकरण करा सकेंगे। इसके अलावा इस कार्यक्रम के तहत प्रशासन द्वारा पूरे राज्यभर में प्रत्येक प्रखंड में मध्याह्न 12 बजे से दोपहर तीन बजे तक शिविरों का भी आयोजन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि‘द्वार-द्वार सरकार‘ कार्यक्रम के दौरान जिन कमियों तथा कठिनाइयों को लोगों द्वारा उठाया जाएगा, उनका तत्काल समाधान का प्रयास किया जाएगा। यदि उस समय लोगों की जरूरत की चीजें नहीं होगी, तो उसकी सूची बनाई जाएगी। लोगों को सार्वजनिक सेवा परियोजनाओं की अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।

उल्लेखनीय है कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा दांव चलते हुए बीते गुरुवार को घोषणा की थी कि राज्य सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य साथी योजना का लाभ एक दिसंबर 2020 से राज्य के प्रत्येक परिवार व व्यक्ति को मिलेगा। योजना का लाभ लेने के लिए प्रत्येक परिवार को एक स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा। इसके तहत राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को शामिल किया गया है।

ममता द्वारा औपचारिक रूप से दिसंबर, 2016 में शुरू की गई इस योजना के तहत लोगों को प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये का बीमा कवर प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘परिवार की महिला मुखिया को एक दिसंबर 2020 से यह कार्ड जारी किए जाएंगे। योजना के तहत सरकारी प्रतिनिधि प्रत्येक घर में जाएंगे जहां परिवार योजना के लिए पंजीकरण करा सकेंगे।’’ अन्य किसी स्वास्थ्य योजना का लाभ नहीं उठा रहा व्यक्ति इस कार्ड की मदद से अस्पताल में कैश-लेस इलाज करा सकता है। उन्होंने बताया कि इस स्वास्थ्य योजना पर आने वाले 2,000 करोड़ रुपये वार्षिक खर्च का भार राज्य सरकार उठाएगी।

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