आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने की शुद्धिकरण पूजा, बोले- ‘मैं सनातन धर्म का दृढ़ता से पालन करता हूं’
आंध्र प्रदेश: तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में कथित मिलावट की खबर ने हाल ही में काफी विवाद पैदा किया था। इस विवाद के बीच, आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने भगवान को प्रसन्न करने के लिए 11 दिन के प्रायश्चित के अंतर्गत विजयवाड़ा स्थित कनक दुर्गा मंदिर में शुद्धिकरण अनुष्ठान में भाग लिया। इस अनुष्ठान के दौरान उन्होंने मंदिर की सीढ़ियों को ब्रश से साफ कर धोया, जिससे अपने समर्पण और सनातन धर्म के प्रति आस्था को प्रदर्शित किया। इस अवसर पर पार्टी के अन्य नेता भी उनके साथ मौजूद थे।
‘मैं सनातन धर्म का दृढ़ता से पालन करता हूं’
पवन कल्याण ने कहा, “मैं सनातन धर्म का दृढ़ता से पालन करता हूं। हम राम के भक्त हैं और अपने घरों में राम नाम का जाप करते हैं।” साथ ही उन्होंने भारत की धर्मनिरपेक्षता पर जोर देते हुए कहा कि यहां सभी धर्मों को समान आदर दिया जाता है, चाहे वह मुस्लिम, ईसाई या पारसी धर्म हो। कल्याण ने कहा, “धर्मनिरपेक्षता एकतरफा नहीं हो सकती, बल्कि यह दोतरफा मार्ग है जिसमें सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए।”
प्रकाश राज की टिप्पणी पर जताई आपत्ति
पवन कल्याण ने अभिनेता प्रकाश राज की हालिया टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई। लड्डू विवाद के संदर्भ में प्रकाश राज ने कल्याण के ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी थी, जिसे लेकर डिप्टी सीएम ने सवाल किया कि इस मामले में अभिनेता का क्या लेना-देना है। पवन कल्याण ने कहा, “मैं हिंदुओं के साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में बात कर रहा था। इसमें प्रकाश राज की क्या भूमिका है? क्या मैंने किसी धर्म का अपमान किया? क्या मैंने इस्लाम या ईसाई धर्म का अपमान किया?”
प्रकाश राज की सोशल मीडिया पोस्ट
प्रकाश राज ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में पवन कल्याण को टैग करते हुए कहा था, “प्रिय पवन कल्याण, यह उस राज्य में हुआ है, जहां के आप उपमुख्यमंत्री हैं, कृपया जांच करें। दोषियों का पता लगाएं और कड़ी कार्रवाई करें। आप इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर क्यों उछाल रहे हैं, जबकि देश पहले ही सांप्रदायिक तनाव का सामना कर रहा है?”
इस बयान के बाद पवन कल्याण ने प्रकाश राज की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए अपनी बात रखी और कहा कि अगर किसी धार्मिक स्थल में अशुद्धिकरण होता है, तो उस पर बोलना जरूरी है।