राज्यसभा चुनाव में जीत, अब मणिपुर में बीजेपी के सामने सरकार बचाने की चुनौती

राज्यसभा चुनाव में जीत, अब मणिपुर में बीजेपी के सामने सरकार बचाने की चुनौती

 

  • मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्यसभा की इकलौती सीट जीत ली
  • अब सरकार पर मंडरा खतरा, 9 विधायकों की समर्थन वापसी के बाद खतरे में सीएम की कुर्सी
  • मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने मणिपुर सीएम एन बिरेन सिंह से बातचीत की

इम्फाल
मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्यसभा की इकलौती सीट तो शुक्रवार को जीत ली लेकिन अब खतरा सरकार पर मंडरा रहा है। दरअसल, यह खतरा 9 विधायकों की समर्थन वापसी के बाद पैदा हुआ है। सरकार को गिराने के लिए जहां बीजेपी लगातार मजबूत कवायद में जुटी है हैं वहीं, कांग्रेस भी कोई कोरकसर नहीं छोड़ना चाहती है।

मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने मणिपुर के संकट के हल को लेकर वहां के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह समेत अन्य नेताओं से बातचीत की। बीजेपी के 3 और गठबंधन के डेप्युटी सीएम समेत 6 विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद मणिपुर सरकार खतरे में है। इससे पहले कांग्रेस ने घोषणा की थी कि पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह (Okram Ibobi Singh) नए नेता होंगे। कांग्रेस प्रवक्ता निंगोंबम भूपेंद्र मेइतेइ ने कहा कि मणिपुर में नए सूरज का उदय होगा और उन्हें पूरा भरोसा है कि तीन बार के मुख्यमंत्री रह चुके इबोबी सिंह नए मुख्यमंत्री होंगे।


बीजेपी विधायक एस सुभाषचंद्र सिंह, टीटी हाओकिप और सैमुअल जेनदई के अलावा टीएमसी विधायक टी रॉबिंद्रो सिंह, नैशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के विधायक वाइ जॉयकुमार सिंह (डेप्युटी सीएम), एन कायसी, एल जयंता कुमार सिंह, लेतपाओ हाओकिप और निर्दलीय विधायक असबउद्दीन ने गठबंधन सरकार से इस्तीफा दे दिया है और कांग्रेस को समर्थन दिया। तीन बीजेपी विधायकों ने आधिकारिक रूप से कांग्रेस जॉइन कर ली है।

क्या कहता है विधानसभा का गणित
साल 2017 में 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 28 सीटें जीतने के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि बीजेपी के खाते में 21 सीटें आई थी। एनपीपी और नगा पीपल्स फ्रंट के 4 विधायक भी चुनाव में जीते थे। वहीं दूसरी ओर एलजेपी, टीएमसी और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने एक-एक सीट जीती थी। सभी गैर कांग्रेसी और एक कांग्रेस विधायक टी श्यामकुमार के बीजेपी को समर्थन देने के साथ ही गवर्नर नजमा हेपतुल्ला ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया।

इसके बाद 7 और कांग्रेस विधायक- सनासम बीरा सिंह, गिंनसुआनहउ, ओइनाम लुखोई सिंह, गामथांग हाओकिप, सुरचंद्र सिंह, क्षेत्रीमयूम बीरा सिंह और पाओनम ब्रोजन सिंह भी बीजेपी में शामिल हो गए। इससे बीजेपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की संख्या 40 हो गई है। वहीं कांग्रेस ने अपने 8 पूर्व विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की याचिका दायर की जो कि विधानसभा स्पीकर के पास लंबित है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बदली स्थिति
टी श्यामकुमार के केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद स्थिति बदल गई। 28 मार्च 2020 में विधानसभा स्पीकर ने उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया। वहीं 8 जून को मणिपुर हाई कोर्ट ने 7 कांग्रेस विधायकों को राज्य विधानसभा में प्रवेश करने से रोक दिया जब तक कि स्पीकर उनके खिलाफ याचिका पर फैसला न दे दे।

राज्यसभा चुनाव: कमलनाथ ने माना, एक सीट जीतेगी कांग्रेस

राज्यसभा चुनाव: कमलनाथ ने माना, एक सीट जीतेगी कांग्रेसMP Rajya Sabha Polls 2020: मध्य प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान करने विधानसभा में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वीकार किया है कि कांग्रेस एक सीट जीत रही है और पार्टी को इसका कोई गम नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी अगर दो सीटें जीत रही है तो अपने दम पर नहीं, बल्कि सौदे के बल पर जीत रही है।

फ्लोर टेस्ट होता है तो…
मणिपुर में अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो 11 विधायक (हाई कोर्ट से रोके गए 7 विधायक, इस्तीफा दे चुके 3 विधायक और अयोग्य विधायक श्यामकुमार) वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। इस स्थिति में 49 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाला गठबंधन सिर्फ 22 वोट ही सिक्योर कर पाएगा जबकि कांग्रेस गठबंधन के खाते में 26 वोट आ सकते हैं।

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