Umesh Pal: उमेश पाल हत्‍याकांड के मास्‍टरमाइंड सदाकत खान की तस्‍वीर अख‍िलेश के साथ इंटरनेट मीड‍िया पर वायरल

Umesh Pal: उमेश पाल हत्‍याकांड के मास्‍टरमाइंड सदाकत खान की तस्‍वीर अख‍िलेश के साथ इंटरनेट मीड‍िया पर वायरल

प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता सदाकत खान समाजवादी पार्टी का करीबी निकला है। उसकी कई फोटो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हो रही है। इसमें एक फोटो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ भी है। सदाकत अखिलेश से हाथ मिलाते हुए दिख रहा है। उसके कंधे में सपा का पट्टा है। इसके अलावा सदाकत खान अतीक अहमद के परिवार का भी करीबी है।अख‍िलेश के साथ सदाकत की तस्‍वीर वायरल होने के बाद यूपी की स‍ियासत एक बार फ‍िर गरमा गई है।

मुस्लिम बोर्डिंग हास्टल के कमरा नंबर 36 में सदाकत खान के नेतृत्व में रची गई हत्‍याकांड की साज‍िश

अधिवक्ता उमेश पाल की हत्या की साजिश मुस्लिम बोर्डिंग हास्टल के कमरा नंबर 36 में रची गई थी। और साजिश रचने में शामिल शख्स भी अधिवक्ता सदाकत अली खान निकला। वह मुस्लिम बोर्डिंग में अवैध रूप से रहकर नेतागिरी और तमाम अन्य गतिविधियों में लिप्त रहता। इस हत्याकांड के शूटर गुलाम ने उसके साथ मिलकर वारदात का ताना-बाना बुना।

सदाकत से पूछताछ के बाद सच आया सामने

सदाकत को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। भागने का कोशिश में वह डिवाइडर से टकराकर घायल हो गया इसलिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। उससे तमाम पूछताछ की जा रही है। षड़यंत्र का पूरा किस्सा उजागर हो चुका है। पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने बताया कि सदाकत गाजीपुर के गहमर के बारा का रहने वाला है। उसने प्रयागराज में रहकर एलएलबी की डिग्री ली और हाई कोर्ट में वकालत करने लगा। इधर वह विश्वविद्यालय परिसर में छात्र नेतागिरी में भी सक्रिय रहता।

अतीक गैंग के कनेक्‍शन में आया सदाकत

भाजपा के एक पूर्व विधायक के साथ उसने इंटरनेट मीडिया पर फोटो डाली है। उसका मिलना-जुलना मेहंदौरी के गुलाम से हुआ। गुलाम अक्सर उसके पास मुस्लिम हास्टल के कमरे में आने लगा। गुलाम का भी पूर्व विधायक के साथ उठना-बैठना रहा है। हालांकि फिर उसने पूर्व विधायक से दूरी बना ली और अतीक गैंग के साथ हो गया। पुलिस आयुक्त के मुताबिक, गुलाम ने सदाकत के कमरे में उमेेश पाल हत्याकांड की रूपरेखा तैयार की थी।

पुलिस ने गुलाम की तलाश शुरू की तो सामने आया सदाकत का नाम

गुलाम के साथ दूसरे शूटर भी इन बैठकों में शामिल होने सदाकत के कमरे में पहुंचते रहे हैं। सदाकत को कहा गया था कि उसे अतीक गिरोह के जमीन के मामले देखने का काम सौंपा जाएगा जिसमें मोटी कमाई होती है। इसीलिए उसने गुलाम और अन्य शूटरों को अपने कमरे में बैठकर साजिश रचने में सहायता की। उमेश हत्याकांड के बाद पुलिस ने गुलाम की तलाश शुरू की तो सदाकत का नाम सामने आया। गुलाम तो नहीं मिला लेकिन एसटीएफ ने लोकेशन के जरिये सदाकत को घेरा तो वह भागते वक्त डिवाइडर से टकराकर गिरा और घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाकर पूछताछ की गई तो साजिश की परतें उधरती गईं।

ज्यादातर करते थे वाट्सएप काल

प्रयागराज: दैनिक जागरण ने पहले ही खबर छापी थी कि अहमदाबाद और बरेली जेल में बंद अतीक तथा अशरफ अपने गुर्गों से वाट्सएप काल पर बात करते हैं। इस हत्याकांड में भी जेल से वाट्सएप काल पर बात कर साचिश तैयार की गई। सदाकत ने भी एसटीएफ को बताया कि गुलाम और अन्य शूटर वाट्सएप काल पर ही संपर्क करते रहे हैं।

 

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