सुर्पनखा की नाक कटने के साथ ही लंका युद्ध की नीव रखी गयी,

सुर्पनखा की नाक कटने के साथ ही लंका युद्ध की नीव रखी गयी,
नकुड मे चल रही रामलीला का मनोहारी दृश्य
  • सुर्पनखा की मदद को आये खर दुषण भी भगवान राम के हाथो मारे गय

नकुड 14 अप्रैल इंद्रेश।  नकुड मे चल रही रामलीला मे रामलीला के कलाकारो ने लक्ष्मण द्वारा सुर्पनखा नाक काटने व उसकी मदद के लिये आये खरदुषण के वध के प्रसंगो का रोचक मंचन कर दश्र्रको को भावविभोर कर दिया।

भरत मिलाप के बाद भगवान श्रीराम चित्रकूट से अन्यत्र जाने का विचार करते हे। वे सीता के साथ अत्री मूनि के आश्रम मे जाते है। जंहा वे अत्री मूनि से विदा लेते है। जंहा अत्रि मूनि की पत्नी माता सीता को साध्वी महिला के गुण बताती है तथा उन्हे दिव्य वस्त्र व आभुषण प्रदान करती हैं । जिसके बाद भगवान राम ,माता सीता व लक्ष्मण के साथ दक्षिण की ओर प्रस्थान करते हैं मार्ग मेें उन्हे सुतिक्ष्ण त्रषि मिलते है। जो उन्हे महर्षि अगस्त के आश्रम म ेले जाते है।

दोनो भाई सीताजी के साथ महर्षि अगस्त को प्रणाम करते है। तब अगस्त जी उन्हे पंचवटी मे रहने की प्रेरणा करते है। भगवान राम लक्ष्मण व सीता जी के साथ पंचवटी मे कंुटिया बनाकर अपना निवास बनाते हैं तो घूमते हुए रावण की बहन सुपर्णखा श्री राम की कुटिया के पास आती है। दो सुंदर राजकुमार ो को देखकर सुपर्णखा अपने आप को एक सुंदर युवती मे परिवर्तित करके श्रीराम के समक्ष विवाह का प्रस्ताव करती है । जिसे श्रीराम अपने आपको विवाहित बताकर ठुकरा देते है। तो सुपर्णखा लक्ष्मण को भी ऐसा ही प्रस्ताव देती हैं । पंरतु लक्ष्मण के प्रस्ताव को ठुकरा देने से वह भडक कर सीता जी पर आक्रमण कर देती है। जिसके बाद भगवान राम का संकेत पाकर लक्ष्मण जी अपने तीर से उसकी नाक काट देते है। नाक कटने से लहुलुहान सुपर्णखा अपने भाई खर दुषण से मदद मांगने के लिये जाती है। जिसके बाद खरदुषण सेना सहित श्री राम व लक्ष्मण पर आक्रमण कर देते हैं पंरतु भगवान राम सेना सहित देानो का वध कर देते है।

इससे पूर्व भाजपा नेता राजपाल चैधरी व प्रदीप चैधरी व अरूण चैधरी , सुशील स्वामी, व अकित गोयल ने दीप प्रज्जवलित कर रामलीला के मंचन का शुभरांभ किया। रामलीला मे श्रीराम की भूमिका मे डा0बसंत सैनी, लक्ष्मण की भूमिका मे जतन प्रजापति, सुर्पनखा की भूमिका कृष्णलाल भटनागर, अरूण धरनगर ने खर, सीता की भूमिका विकास चैधरी अनुसुईया की भूमिका मे विपिन कपिल, दुषण की भमिका मे वेदप्रकाश कश्यप, सुतीक्ष्ण की भुमिका मे मामराज व रावण की भुमिका मे डा0 प्रदीप धनगर ने शानदार अभिनय किया।

इस मोके पर पंकज जैन, राजेश राजू,संजीव जैन, मनोज गोयल, हरीश गर्ग, अरूण मिततल, विजेंद्र नारायण, नरेश गोयल, राजनशर्मा, बालादेवी, ंसयम जैन, शरद जैन, सोहित मिततल, नवीन धीमान, अक्षय सिंघल, शुभम सिंघल आदि उपस्थित रहे।


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