बालासोर ट्रेन हादसे में RSS कार्यकर्ता बने देवदूत – RSS Helped People
नई दिल्ली / बालासोर: बालासोर में ट्रेन हादसा हुआ है, घायलों को खून की जरूरत है… बालासोर रेल हादसे के बाद व्हाट्सऐप पर ये मैसेज आया और हजारों युवा अस्पतालों में रक्तदान करने पहुंच गए। अस्पताल में ब्लड डोनेट करने वालों की भीड़ देखकर डॉक्टर्स भी हैरान रह गए। ये मैसेज बालासोर के राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ यानी RSS के एक ग्रुप में भेजा गया था। रात से ही संघ के कार्यकर्ता देवदूत बनकर यात्रियों की मदद कर रहे हैं। जिस जगह ये हादसा हुआ, वहां पास में ही संघ की शाखा लगती है, जहां के कार्यकर्ताओं ने जब हादसे की आवाज सुनी तो वो तुरंत मौके पर पहुंच गए। अन्य स्थानीय लोगों की मदद ली और अपने वाहनों से ही घायलों को अस्पताल पहुंचाना शुरू किया। जब तक एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची, तब तक करीब 250 कार्यकर्ता लोगों की मदद के लिए पहुंच चुके थे।
हादसे के तुरंत बाद पहुंच गए स्थानीय
ओडिशा के आरएसएस कार्यकर्ता रविनारायन बताते हैं कि ये रेल हादसा बालासोर के महानगा गांव के पास हुआ था। इस गांव में कई संघ के कार्यकर्ता रहते हैं। घटनास्थल से 3 किलोमीटर की दूरी पर ही संघ के बालासोर जिले के कार्यवाह का घर है। एक्सीडेंट के बाद वो कुछ कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंच गए। जब उन्होंने देखा कि स्थिति बेहद भयावह है, तो उन्होंने व्हास्टऐप मैसेज और कॉल के माध्यम से कार्यकर्ताओं से जल्द से जल्द महानगा आने की अपील की। ये हादसा रात करीब 6.50 बजे हुआ। 7 बजे तक संघ के कार्यकर्ता पहुंच गए थे।
मोटर साइकिल और गाड़ियों से घायलों को अस्पताल पहुंचाया
जहां जाने से सहम रहे बचाव कर्मी वहां सबसे पहले पहुंच गया कार्यकर्ता
एक मैसेज से अस्पताल में लग गई ब्लड डोनेट करने वालों की भीड़
एक और हादसे वाली जगह स्थानीय लोग, ग्रामीण और सामाजिक कार्यकर्ता जुटे हुए थे, तभी आरएसएस के एक ग्रुप में करीब सवा नौ बजे मैसेज आया कि हादसे में घायल लोगों को खून की जरूरत है। व्हास्ट्सऐप पर आए एक मैसेज को निर्देश मानकर हजारों युवा बालासोर के अस्पतालों में पहुंचना शुरू हो गए। रात 10 बजे तक बालासोर के अस्पताल में 300 से 400 युवा ब्लड डोनेट करने पहुंच गए। इसके अलावा सोरो अस्पताल में भी तमाम कार्यकर्ता पहुंच गए। ब्लड डोनेट करने वालों की भीड़ देखकर डॉक्टर्स भी हैरान रह गए।
खाना-पानी का इंतजाम कर रहे लोग
आरएसएस के स्थानीय कार्यकर्ता हरेंद्र बताते हैं कि कई लोग रात से ही लोगों की मदद में लगे हुए हैं। रात में आरएसएस कार्यकर्ताओं ने रेस्क्यू में मदद की और ब्लड डोनेट किया, तो सुबह से वही लोग यात्रियों के परिजनों और बचाव कर्मियों के भोजन-पानी की व्यवस्था में लग गए। हजारों की संख्या में कार्यकर्ता भोजन और पानी पहुंचाने लगे। इसके अलावा अस्पताल में भर्ती यात्रियों के परिजनों से संपर्क कराने में भी आरएसएस के कार्यकर्ता मदद कर रहे हैं।