शिंदे-फडणवीस सरकार के मराठा आरक्षण के फैसले पर नारायण राणे की आपत्ति, कहा – ‘मैं सहमत नहीं’

शिंदे-फडणवीस सरकार के मराठा आरक्षण के फैसले पर नारायण राणे की आपत्ति, कहा – ‘मैं सहमत नहीं’
  • केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने सोमवार को कहा कि वह महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले से सहमत नहीं हैं जिसमें कहा गया है कि जबतक मराठों को आरक्षण नहीं मिल जाता है तबतक उन्हें ओबीसी को मिल रहे सभी लाभ मिलेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री राणे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह अन्य पिछड़ा वर्ग (के अधिकारों) में अतिक्रमण होगा तथा इससे महाराष्ट्र में अशांति फैल सकती है।

मुंबई। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने सोमवार को कहा कि वह महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले से सहमत नहीं हैं, जिसमें कहा गया है कि जबतक मराठों को आरक्षण नहीं मिल जाता है, तबतक उन्हें ओबीसी को मिल रहे सभी लाभ मिलेंगे। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री राणे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह अन्य पिछड़ा वर्ग (के अधिकारों) में अतिक्रमण होगा तथा इससे महाराष्ट्र में अशांति फैल सकती है।

मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनकी मांगें मान लिये जाने के बाद शनिवार को अपना अनिश्चितकालीन उपवास खत्म कर दिया था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की थी कि जबतक मराठों को आरक्षण नहीं मिल जाता, तबतक उन्हें ओबीसी को प्राप्त सभी लाभ मिलेंगे।

राणे आज कर सकते हैं प्रेस कॉन्फ्रेंस

राणे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि वह राज्य सरकार के फैसले को तथा आरक्षण के संबंध में मराठा समुदाय को उसके द्वारा दिये गये आश्वासन को मंजूर नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इससे ऐतिहासिक विरासत वाले मराठा समुदाय का दमन होगा और यह अन्य पिछड़े समुदायों में भी अतिक्रमण होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इससे राज्य में अशांति फैलेगी।’’ उन्होंने कहा कि वह सोमवार (29 जनवरी) को भी इस मुद्दे पर बोलेंगे।

अध्यादेश को लेकर फडणवीस ने क्या कहा?

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, ”कल के अध्यादेश से मराठा समुदाय के अधिकार उन्हें आसानी से मिल गए हैं। पंजीकृत मराठा समुदाय के लिए प्रमाण पत्र प्राप्त करना कानूनी था, ऐसा करते समय, उन्हें 100 प्रतिशत सुरक्षा भी प्रदान की जाती है।इस पर कुछ नेताओं की व्यक्तिगत भूमिका अलग हो सकती है। वास्तव में क्या किया गया है, यह उनके ध्यान में लाया जाएगा। सरकार ने एक निर्णय लिया है जिससे मराठा समुदाय को लाभ हो रहा है, लेकिन किसी भी समुदाय के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। इसमें किसी को चिंता करने की कोई बात नहीं है।”

उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ओबीसी समुदाय के साथ कोई अन्याय नहीं होने देगी। हाल ही में मराठा समुदाय को दिए गए आरक्षण को हाईकोर्ट में बरकरार रखा गया था। हालांकि, कुछ कारणों से सुप्रीम कोर्ट उस आरक्षण को खारिज कर दिया। हमने इन कारणों को निर्धारित करने के लिए एक सर्वेक्षण भी शुरू किया है।

भुजबल ने भी सरकार के फैसले पर असंतोष व्यक्त किया

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने भी राज्य सरकार के इस फैसले पर असंतोष व्यक्त किया है तथा अन्य पिछड़ा वर्ग में ‘पिछले दरवाजे से मराठों के प्रवेश’ पर सवाल उठाया है। कृषक समुदाय ‘कुनबी’ ओबीसी के अंतर्गत आता है और जरांगे भी सभी मराठों के लिए कुनबी प्रमाणपत्र मांग रहे है। जरांगे मराठों के वास्ते आरक्षण की मांग को लेकर अगस्त से आंदोलन कर रहे थे।

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी ओबीसी की चिंताएं दूर करने का प्रयास करते हुए कहा है कि मराठों को बिना सबूत कुनबी प्रमाणपत्र नहीं दिया जाएगा।


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