नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने की मांग, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने की मांग, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
  • सुप्रीम कोर्ट में बीते दिन एक जनहित याचिका दाखिल कर मांग की गई है कि कोर्ट केंद्र को ये निर्देश दे कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा किया जाए।

नई दिल्ली : नए संसद भवन को लेकर सरकार और विपक्ष में कई दिनों से वार-पलटवार जारी है। विपक्ष पीएम मोदी द्वारा संसद भवन के उद्घाटन का विरोध कर रहा है और कई दल इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने की बात कह चुके हैं। इस बीच यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, जिसपर आज सुनवाई होगी।

राष्ट्रपति मुर्मु से उद्घाटन की मांग

सुप्रीम कोर्ट (SC on New Parliament) में बीते दिन इस मामले में एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल हुई है, जिसमें यह मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र को ये निर्देश दे कि नए संसद भवन का 28 मई को उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा किया जाना चाहिए। जनहित याचिका में कहा गया है, “लोकसभा सचिवालय ने उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करके संविधान का उल्लंघन किया है।”

भारतीय संविधान का उल्लंघन- याचिकाकर्ता

अधिवक्ता जया सुकिन द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि 18 मई को लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी बयान और नए संसद भवन के उद्घाटन के बारे में महासचिव, लोकसभा द्वारा जारी किया गया निमंत्रण भारतीय संविधान का उल्लंघन है।

याचिका में ये कहा गया

  • याचिका में कहा गया कि सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है और संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है।
  • संसद भारत की सर्वोच्च विधायी संस्था है। भारत में राष्ट्रपति दोनों सदनों, राज्यसभा और लोकसभा को बुलाने और टालने या लोकसभा को भंग करने की शक्ति रखते हैं, इसलिए ये कार्य भी उन्हें ही करना चाहिए।

21 दलों ने की उद्घाटन के बहिष्कार की घोषणा

कांग्रेस, टीएमसी और आप समेत कुल 21 विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार की घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के बिना भवन का उद्घाटन करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्णय “राष्ट्रपति का अपमान करना है और संविधान का उल्लंघन भी है”।

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