अधिशासी अधिकारी व चेयरमैन के बेटे के खिलाफ सभासदों ने सौंपा ज्ञापन
- सहारनपुर में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने जाते रामपुर मनिहारान नगर पंचायत के सभासद।
सहारनपुर [24CN] । रामपुर मनिहारान नगर पंचायत के सभासदों ने रामपुर मनिहारान चेयरमैन की कुर्सी पर उनके बेटे के बैठने तथा अधिशासी अधिकारी द्वारा बिना ड्यूटी पर आए संविदाकर्मी का वेतन आहरित करने के विरोध में उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपकर समस्या का समाधान कराने की मांग की। रामपुर मनिहारान नगर पंचायत के लगभग एक दर्जन निर्वाचिक व नामित सभासद एकत्र होकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाया कि रामपुर मनिहारान नगर पंचायत की चेयरमैन शकुंतला देवी सहारनपुर की आवास विकास कालोनी में रहती है जो केवल बोर्ड की बैठक में ही आती है। जबकि उनके स्थान पर उनके बेटे विवेककांत नियम विरूद्ध चेयरमैन की कुर्सी पर बैठते हैं। सभासदों का आरोप था कि अनुसूचित जाति का होने की वजह से चेयरमैन के बेटे विवेककांत सिंह ने दो सभासदों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया था, परंतु तत्कालीन थाना प्रभारी की निष्पक्ष जांच के चलते मामला समाप्त हो गया था।
उन्होंने जिलाधिकारी से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर चेयरमैन के बेटे के आतंक से बचाने के साथ ही चेयरमैन के बेटे के नगर पंचायत में आने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। सभासदों ने जिलाधिकारी अखिलेश सिंह को बताया कि रामपुर मनिहारान नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी रामचंद्र मौर्य ने लखनऊ की एक महिला को आउटसोर्सिंग के तहत कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर तैनात कर रखा है जो केवल अधिशासी अधिकारी के साथ ही नगर पंचायत में आती-जाती है। उनका आरोप था कि कम्प्यूटर आपरेटर पद पर तैनात महिला कर्मचारी तीन-चार महीने नगर पंचायत में नहीं आई।
इसके बावजूद अधिशासी अधिकारी ने कम्प्यूटर आपरेटर का वेतन निर्गत कर दिया है। सभासदों का आरोप था कि अधिशासी अधिकारी सभासदों पर धारा-354 के तहत फर्जी मुकदमा दर्ज कराकर जेल भिजवाने की धमकी भी दे रहे हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से महिला कम्प्यूटर आपरेटर के वेतन को अधिशासी अधिकारी से वसूलने व अधिशासी अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही कराने की मांग की। प्रतिनिधिमंडली में नगर पंचायत सभासद मो. आफताप, अरविंद धीमान, नदीम अहमद, मो. बाबर, बृजपाल, संदीप सैनी, डिम्पल गुप्ता, रईस अहमद, मिनाक्षी उर्फ मीना, जहांगीर, सत्यपाल सिंह, हमीदा बेगम, कुसुम लता, शाहीन आदि मौजूद रहे। उधर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी रामचंद्र मौर्य का कहना है कि आउटसोर्सिंग पर लखनऊ की महिला का तैनात किया जाना नियम विरूद्ध नहीं है। जहां तक महिला कम्प्यूटर आपरेटर के नगर पंचायत में न आने का सवाल है, लॉकडाउन के दौरान शासन द्वारा सभी कर्मचारियों को अपने घर से ही काम करने के आदेश दिए गए थे। अधिशासी अधिकारी का कहना है कि नगर पंचायत में आउटसोर्सिंग पर अधिकांश कर्मचारी नगर पंचायत के सभासदों के भाई-भतीजे हैं। उनकी लापरवाही की वजह से नगर में पिछले आठ तक पेयजल की किल्लत रही। इस कारण उन्होंने उनका वेतन काट दिया था जिस कारण सभासदों द्वारा उनके खिलाफ अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं। जबकि नगर पंचायत चेयरमैन प्रतिनिधि विवेककांत से उनके मोबाइल पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया परंतु सम्पर्क नहीं हो पाया।
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