यूपीसीडा के नियमों में बदलाव आवंटियों को मिलेंगी राहत- मुख्य कार्यपालक अधिकारी

  • असफल आवंटियों का भुगतान 01 नवम्बर से होगा शुरू,  समायोजन से पहले लीज डीड के निष्पादन की आवश्यकता को हटाया गया- मयूर माहेश्वरी

सहारनपुर [24CN] : उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण केे मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री मयूर माहेश्वरी ने कहा कि ईज आॅफ डूईग बिजनेश को बढावा देने के लिए लिये नियमों में बदलाव किया गया है। बड़ी इकाईंयों को स्थापित करने के लिए समयोजन की प्रक्रिया को सरल किया गया है। समायोजन से पहले लीज डीड के निष्पादन की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया गया है।
श्री मयूर माहेश्वरी ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि समायोजन से पूर्व लीज डीड कराये जाने से आवंटियांे को डबल स्टेम्प डयूटी नही देनी पड़ती थी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण में संयुक्त रूप से आवंटित भूखण्डों को अब विधिवत रूप से समायोजित मान लिया जायेगा। इस प्रकार नक्शे और उपयोग के निर्माण की प्रक्रिया को सरल बनाकर पुराने आवंटियों को नये दरों के आधार पर देय समायोजन २ाुल्क से बचाया जा सकेगा। 100 करोड का अधिक के प्रोजेक्ट लगाने के लिए दो या उससे अधिक भूखण्डों को आपस में जोडने के लिए लोगों से मांगी जाने वाली आपत्ति का समय 30 दिन के हटा कर 15 दिन कर दिया गया है। समायोजन मामलों के त्वरित निस्तारण की आवश्यकता को देखते हुए इस प्रत्यक्ष में अनुमोदन २ाक्ति बोर्ड द्वारा सी.ई.ओ. को प्रत्यायोजित कर दी गयी है।

उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण केे मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा कि वर्तमान समय में ई-काॅमर्स में गोदामों और लोजिस्टिक पार्को की आवश्यकता देखते हुए प्राधिकरण ने सरकार के औद्योगिक भूमि पर वेयरहाउसिंग और लोजिस्टिंक इकाईंयों और पार्क अनुमन्य गतिविधियों को उद्योग के रूप में माने जाने के फैसले को आत्मसात किया है। उन्होंने कहा कि मुख्य मंत्री जी के भू-जल संरक्षण के आवाह्न को उचित महत्व देते हुए प्राधिकरण अब आवंटियों ने भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करने से पहले भवन की योजनाओं में वर्षा जलसंचयन के लिए उचित प्रावधान के बाद ही स्वीकृति देंगा। प्राधिकरण के विभिन्न अनुभागों की कार्य प्रणालियों का अनावश्यक हस्ताक्षेप समाप्त करते हुए नियमों को सुगम बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नये प्रस्तावों में आवंटियों को उत्पादन २ाुरू होने की तारीख की पुष्टि, लीज डीड के निष्पादन जैसी सुविधाओं के लिए कार्यालय में आने की आवश्यकता न पडे।
श्री मयूर माहेश्वरी ने कहा कि प्राधिकरण 01 नवम्बर से असफल आवेदनों के स्वतः रिफण्ड की प्रक्रिया २ाुरू करेगी। साथ ही प्राधिकरण जल्द ही वाणिज्यिक और समूह आवास भूखण्डों के विपणन का ई-आॅक्शन के माध्यम से २ाुरू करने जा रही है।

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