भाकियु ने तेल की बढी दरे वापस लेने की मांग की
नकुड [इंद्रेश त्यागी]। पेट्रोल व डीजल की बढती किमतों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन ने तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन कर एसडीएम को ज्ञापन दिया। किसानों ने अंधाधुंध बिजली कटौती पर भी रोष जताया। कहा कि बिजली कटौती से धान की रोपायी प्रभावित हो रही है।
मंगलवार को भाकियु कार्यकर्ता ब्लाक विकास समिति के सभागार में एकत्रित हुए। भाकियु के जिला महासचिव अशोक कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते किसान सरकार के सोशल डिस्टेंिडगं का पालन करते हुए अपने खेतो मे काम कर रहे है। परंतु इसका मतलब यह नंही है कि किसान सरकार की किसान विरोधी नीति का बर्दाश्त कर लेंगे। तेल की बढती किमतों ने किसानो को आर्थिक रूप से पंगु बना दिया है। जिसे बर्दाश्त नंही किया जा सकता। इस मौके पर मेवाराम, तहसील अध्यक्ष चौ0 देशपाल सिंह ने भी किसानो को संबोधित किया।
बैठक के बाद किसान जलूस की शक्ल में तहसील मुख्यालय पर पहंचे। जंहा उन्होने एसडीएम पूरण सिह राणा को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में किसानो ने तेल की बढी किमतो को वापस लेने डीजल पेट्रोल पर प्रदेशो के टेक्स कम करने, बिजली की दरो में कमी करने, किसानो को नलकूप का सामान दिलाने, बिजली के बकायो पर पेनल्टी की छूट दो माह बढाने, सभी किसानो को किसाना सम्मान निधि का लाभ देने व सम्माननिधि की राशि 12 हजार रूपये प्रतिवर्ष कराने की मांग की गयी है। साथ ही काविड 19 के नाम पर पुलिस उत्पीडन पर रोक लगाने की मांग भी की गयी।
इस मौके पर डा0 इदरीश, नरेश , रणधीर, कंवरपाल, देवेंद्र सिंह, प्रधान राजेश, श्याम सिंह, हरवीर, सोमसिंह, अर्जुन सिंह, योगेश आदि उपस्थित रहे।
नही रखी दो गज की दूरी
तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए किसान दो गज की दुरी भी भूल गये। नारे लगा रहे अधिकांश भाकियु कार्यकर्ता एक दुसरे से सटकर खडे थे। कई ने तो मास्क भी नही लगाया था।
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