जज ने विरोध में सुनाया फैसला, कोर्ट में वकील बोला- ‘जा तुझे कोरोना वायरस हो जाए’

जज ने विरोध में सुनाया फैसला, कोर्ट में वकील बोला- ‘जा तुझे कोरोना वायरस हो जाए’
हाइलाइट्स
  • कलकत्ता हाई कोर्ट के वकील ने जस्टिस दीपांकर दत्ता को कोर्ट में ही दे डाला ‘श्राप’
  • पक्ष में फैसला ना आने पर वकील ने कहा- जा तुझे कोरोना वायरस हो जाए
  • जस्टिस दीपांकर ने वकील के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की अनुशंसा की है

कोलकाता
कोरोना वायरस (Coronavirus) का खतरा दुनियाभर में फैला हुआ है। लोगों को इससे बचाने के लिए भारत में लॉकडाउन लागू है। इस बीच कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High court) के एक वकील ने अपने पक्ष में फैसला ना आने पर जज को ही ‘श्राप’ दे दिया। भड़के वकील ने कोर्ट में ही जज को कहा – जा तुझे कोरोना वायरस हो गाए।

वकील के इस आचरण से नाराज जज ने उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की अनुशंसा की है। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने अदालत की गरिमा को बरकरार रखने में विफल रहने और इस गरिमापूर्ण पेशे के सदस्य के हिसाब से आचरण नहीं करने पर वकील विजय अधिकारी की निंदा की। साथ ही वकील को नोटिस भेजे जाने की तारीख के 15 दिनों के अंदर अवमानना नियम के तहत जवाब देने को कहा है।

सिर्फ जरूरी मामलों की सुनवाई कर रहा है कोर्ट
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने यह निर्देश भी दिया कि ग्रीष्म अवकाश के बाद जब अदालत खुलेगी तो यह मामला उचित खंडपीठ द्वारा सुना जाएगा, जिसके पास आपराधिक अवमानना के मामले सुनने का अधिकार होगा। कोरोना वायरस (Covid-19) महामारी के कारण कलकत्ता हाई कोर्ट में 15 मार्च से सिर्फ अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई हो रही थी और 25 मार्च से वह मामलों की सुनवाई सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कर रही है।

40 डिग्री टेम्परेचर में कोरोना का क्या होगा?

40 डिग्री टेम्परेचर में कोरोना का क्या होगा?कोरोना वायरस को लेकर कभी ये कहा जा रहा था कि गर्म देशों में इसका असर कम होगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, दिसंबर में 2 से 11 डिग्री तापमान वाले चीन के वुहान शहर की तरह -6 डिग्री वाले ग्रीनलैंड से लेकर दुबई या फिर भारत जैसे देशों में भी कोरोना पांव पसारता जा रहा है।

वकील ने कर्ज अदायगी न करने पर एक राष्ट्रीयकृत बैंक के उसके मुवक्किल की बस नीलामी पर रोक लगाने की याचिका न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की अदालत में दी थी। इस बस के 15 जनवरी को जब्त किए जाने की जानकारी के बाद अदालत ने इस पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। जब जस्टिस दत्ता ने अपना आदेश देना शुरू किया तो नाराज वकील बार-बार उन्हें टोकते रहे।

जज बोले- मुझे कोरोना का डर नहीं लेकिन कोर्ट की गरिमा सर्वोच्च
न्यायमूर्ति दत्ता ने अपने आदेश में कहा, ‘वकील को बार-बार संयमित आचरण के लिए चेतावनी दी गई लेकिन उन्होंने इन पर ध्यान नहीं दिया, उन्हें कहते सुना गया कि मेरा भविष्य वह अंधकारमय बना देंगे और इसलिए उन्होंने मुझे श्राप दिया कि मुझे कोरोना वायरस संक्रमण लग जाए। वकील को स्पष्ट रूप से बता दिया गया कि न तो मुझे अपने भविष्य के अंधकारमय होने का डर है न ही मैं संक्रमण से डरता हूं लेकिन अदालत की गरिमा मेरे दिमाग में सर्वोच्च है और इसे बरकरार रखने के लिए उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई का निर्देश दिया जा सकता है।’

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