राजपरिवार विवाद: ‘मेरी जान को खतरा है’, लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने क्यों कही ऐसी बात?

राजपरिवार विवाद: ‘मेरी जान को खतरा है’, लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने क्यों कही ऐसी बात?

मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार में विवाद बढ़ता चला जा रहा है। धूणी माता दर्शन को लेकर उपजे विवाद के बाद प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए सिटी पैलेस और आसपास के 500 मीटर के दायरे में धारा 163 की लागूकर दिया है। पुलिस ने दोनों पक्षों पर राजकार्य में बाधा और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मुकदमे दर्ज किए हैं। मामले को लेकर दोनों पक्ष लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ और विश्वराज सिंह मेवाड़ ने भी अपनी बातरखी है। इसी क्रम में लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने इंडिया टीवी से बातचीत की और अपनी जान को खतरा तक बता दिया है। आइए जनते हैं लक्ष्यराज ने क्या कुछ कहा है।

पूरे विवाद पर लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा है- “कानून सबके लिए बराबर होगा जिस प्रकार से मेरे पर दबाव बनाया जा रहा है हम अपने घर में बैठे हैं। ये जो परिस्थिति 1984  की याद दिला रही है ये देश कानून पर चलता है। कुछ लोग पॉवर में बैठे हैं अपनी पावर का दुरुपयोग कर रहे हैं। ऐसी परिस्थिति उस समय बनाई गई थी उसमे मेरे पिता बहन मरते मरते बचे थे। मेरा सवाल है कि 144 लागू क्यो नहीं किया गया। इस देश में एक संविधान है कानून है। मेरे घर में बिना परमिशन के कोई मेरी मर्जी से कैसे आ सकता है।”

लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा- “उदयपुर का नाम इस तरह से बदनाम कर रहे हैं ये निंदनीय है। जो लोग अपनी राजनीति रोटी के लिए इस तरह की हरकत कर रहे हैं, गुंडागर्दी से इसका कोई रास्ता नहीं निकल सकता है। सरकार गलत मंसूबे के चलते मेरे घर में प्रवेश करना चाह रही है। मंदिर एक शक्ति प्रदर्शन के लिए नहीं है बल्कि मंदिर में सभी अपने परिवार के साथ जाइए।”

इस सवाल पर कि लक्ष्यराज सिंह ने उदयपुर के महल यानी सिटी पैलेस में खुद की सेना खड़ी कर रखी है दरवाजे पर। जय मेवाड़ के नाम से ये फ़ौज तैनात है सिटी पैलेस में, इस पर लक्ष्यराज ने कहा- “ये मेरे ख़िलाफ एक साजिश है जिसमें बड़े स्तर पर बड़े लोग शामिल हैं। मेरी जान को खतरा है। बड़े लोग मेरी संपत्ति हड़पना चाहते हैं। जो तरीका था वो गलत था। घर में जबरन कैसे घुस जाएगा कोई। संपत्ति विवाद पुराना है। लेकिन अचानक से कोई घर में कैसे घुस सकता है। अचानक से राजतिलक व अन्य कार्यक्रम करना दिखाता है की इसमें बड़े लोग मेरे ख़िलाफ साजिश रच रहे हैं।”

Jamia Tibbia