अंग्रेजों से याचिका करना सावरकर की रणनीति का हिस्सा, राहुल गांधी पर भड़के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा

अंग्रेजों से याचिका करना सावरकर की रणनीति का हिस्सा, राहुल गांधी पर भड़के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा

सीएम हिमंत ने कहा कि सावरकर ने मातृभूमि की खातिर 26 साल जेल में बिताए. असली कहानी यह है कि अंग्रेजों से उनकी याचिका सेल्युलर जेल से बाहर आने के लिए उनकी ओर से एक रणनीतिक और चालाकी भरी चाल थी.

New Delhi : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस वक्त भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं. इस दौरान वो केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर भी हमले से चूक नहीं रहे. राहुल ने कुछ दिनों पहले सावरकर की कुछ चिट्ठियों को दिखाते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के लिए काम किया और अपने लेटर में वो खुद को अंग्रेजों का नौकर कहते थे. उनके इस बयान के बाद सियासी घमासान मचा. बीजेपी नेताओं ने उनकी आलोचना की. असम सीएम हेमंत बिस्वा सरमा गुजरात और हिमाचल चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारक है. एक दिन पहले ही वो गुजरात से पार्टी के लिए वोट मांगकर अपने राज्य असम पहुंचे. सावरकर मामले में उन्होंने कहा कि अंग्रजों से उनकी याचिका वाली चिट्ठी रणनीति का हिस्सा थी.

बीजेपी असम सीएम को काफी तवज्जों दे रही है. यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के बाद सीएम हेमंत बिसवा सरमा ने काफी लोकप्रियता हासिल की है. हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत करते हुए सीएम ने कहा कि भारत का सारा इतिहास भारत में वामपंथियों ने लिखा और किसी कारण से उन्होंने इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया है. सीएम हिमंत ने कहा कि सावरकर ने मातृभूमि की खातिर 26 साल जेल में बिताए. असली कहानी यह है कि अंग्रेजों से उनकी याचिका सेल्युलर जेल से बाहर आने के लिए उनकी ओर से एक रणनीतिक और चालकी भरी चाल थी.

सावरकर की रणनीति का हिस्सा- सीएम

सीएम ने कहा कि क्योंकि उनके (सावरकर) पास हमारी मातृभूमि के लिए एक महान विजन था, जिसे वो अपने जीवनकाल में पूरा करना चाहते थे इस कारण से उन्होंने ऐसा कदम उठाया. वो जेल से बाहर आने और मातृभूमि की सेवा करने में सफल हुए. वह जानते थे कि वह अपना जीवन जेल में बर्बाद नहीं कर सकते हैं. उन्हें अपना जीवन में ज्यादा से ज्यादा हिंदुत्व और देश भक्ति का प्रचार करना है.

राहुल गांधी ने उठाए थे सवाल

हिमंता बिस्वा सरमा से एक सवाल पूछा गया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में एक रैली में सावरकर की दया याचिका दिखाई. इसके बाद उन्होंने कहा कि वह अंग्रेजों की अधीनता के लिए तैयार थे? असम सीएम ने जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी जो कर रहे हैं वह पाप है. यह महंगा पड़ेगा. हम कौन होते हैं सावरकर, अंबेडकर या गांधी जैसे लोगों पर निर्णय पारित करने के लिए. जबकि आजादी की लड़ाई में हमारा कोई योगदान नहीं है. आप मातृभूमि भारत की खातिर 26 साल जेल में बिताने वाले व्यक्ति पर गलत विचार नहीं फैला सकते. सावरकर को पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता है. हम यह कर रहे हैं.

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