जानिए कौन हैं जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू

जानिए कौन हैं जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू

हाइलाइट्स

  • 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी गिरीश चंद्र पीएम मोदी के साथ लंबे समय तक काम कर चुके हैं
  • 2004 में पीएम मोदी की टीम से जुड़े, 2014 में मोदी केंद्र में आए तो मूरमू को भी दिल्ली में अहम जिम्मेदारी दी गई
  • 2015 में बनाए गए थे ईडी डायरेक्टर फिर एक्सपेंडिचर सेक्रेटरी के रूप में भी बखूबी दिया अपने काम को अंजाम

नई दिल्ली
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी (IAS) गिरीश चंद्र मुर्मू को जम्मू-कश्मीर का पहला उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। पुर्नगठन के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है और अब वहां राज्यपाल की जगह उपराज्यपाल होंगे। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान को खत्म करने के बाद सूबे में उत्पन्न परिस्थियों के मद्देनजर मुर्मू की नियुक्ति काफी अहम है। आइए आपको बताते हैं कौन हैं मुर्मू जिनपर सरकार ने इतना भरोसा जताया है।

वरिष्ठ नौकरशाह गिरीश चंद्र इस समय वित्त मंत्रालय में एक्सपेंडिचर सेक्रटरी हैं। मुर्मू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के विश्वासपात्र हैं। तीनों का साथ काफी पुराना है। 1985 बैच के गुजरात कैडर के IAS अधिकारी गिरीश चंद्र काफी तेज तर्रार अधिकारी हैं। वह मोदी के साथ तबसे काम करते रहे हैं जब वह (मोदी) गुजरात के मुख्यमंत्री थे। 2004 में वह मोदी की टीम से जुड़े। मुर्मू की काबिलियत को देखते हुए उन्हें दोहरी भूमिका दी गई थी वह मोदी के सेक्रटरी के साथ ही गृह विभाग के सेक्रटरी भी थे। वह राज्य के प्रिंसिपल सेंक्रेटरी भी रहे।

कहा जाता है कि पीएम मोदी के साथ मुर्मू की केमेस्ट्री बेहतरीन है। दोनों एक-दूसरे की कार्यशैली को पसंद करते हैं। 2014 में जब मोदी केंद्र में आए तो मुर्मू को भी दिल्ली में बड़ी जिम्मेदारी दी गई। 2015 में मुर्मू प्रवर्तन निदेशालय (ED) के डायरेक्टर नियुक्त किए गए। इसके बाद उन्हें वित्त मंत्रालय में एक्सपेंडिचर सेक्रटरी बनाया गया। मूर्मू नवंबर में रिटायर होने जा रहे हैं।

ओडिशा में जन्मे मुर्मू उत्कल यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में एमए हैं। उन्होंने बर्मिंगम यूनिवर्सिटी (ब्रिटेन) से एमबीए की डिग्री भी ली है। इसके बाद सिविल सर्विसेज में आए।

नई भूमिका में असली परीक्षा

मुर्मू की प्रशासनिक कुशलता पर पीएम मोदी का भरोसा ही है कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का पहला उपराज्यपाल बनाया गया है। हालांकि, मुर्मू की यह एक बड़ी परीक्षा होगी। उन्हें अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद उत्पन्न हालात को संभालते हुए राज्य में सभी को विश्वास में लेना होगा। राज्य में सामान्य होते हालात को बेहतर करते हुए उन्हें विधानसभा चुनाव और नए सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करना होगा। आतंकवाद से जूझ रहे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था पर भी उन्हें काफी फोकस करना होगा।

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