ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा को लेकर जावड़ेकर का राहुल पर वार, कहा- कांग्रेस ने जानबूझकर किसानों को उकसाया

ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा को लेकर जावड़ेकर का राहुल पर वार, कहा- कांग्रेस ने जानबूझकर किसानों को उकसाया

नई दिल्‍ली । दिल्ली में किसानों के उपद्रव को लेकर जहां कांग्रेस ने सरकार और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया वहीं भाजपा ने किसान नेताओं के बयान, कांग्रेस नेताओं के ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस ने किसानों को उकसाने का काम किया। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि यह पहली बार नहीं हो रहा है कि कांग्रेस इतनी घिनौनी राजनीति कर रही है। चुनावों में लगातार हार से बौखलाई कांग्रेस चाहती है कि लोगों की जान जाए, पुलिस बबर्रता हो ताकि उसे राजनीति का अवसर मिले। किसान आंदोलन में भी वह यही कर रही है।

कांग्रेस ने हुड़दंगियों को सही ठहराया  

भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जावडेकर ने कहा कि सभी तथ्य सबके सामने हैं। एक तरफ किसान नेताओं ने भड़काया तो दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं और यूथ कांग्रेस की ओर से हुड़दंगियों को सही ठहराया गया। एक इकाई ने तो लालकिले की फतह का संदेश दे दिया था। सभी जानते हैं कि एक युवा किसान की ट्रैक्टर पलटने से मौत हुई लेकिन कांग्रेस ने यह ट्वीट कर आग में घी डालने का काम किया कि पुलिस की गोली से उसकी जान गई।

सीएए के दौरान भी यही किया 

कांग्रेस नेताओं ने ऐसा ही काम नागरिकता कानून के खिलाफ आंदोलन के समय भी किया था। उसके बाद दिल्ली में दंगा भड़का था और कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपनी गलती का एहसास होना चाहिए लेकिन वह सरकार और पुलिस पर आरोप लगा रही है। पुलिस ने तो अद्भुत संयम का परिचय दिया। क्या कांग्रेस चाहती है कि पुलिस किसानों पर लाठी गोली चलाती।

किसानों के साथ बातचीत के दरवाजे बंद नहीं 

एक सवाल के जवाब में जावडेकर ने कहा कि किसानों के साथ बातचीत के दरवाजे बंद नहीं हैं। सरकार बहुत संवेदनशीलता के साथ किसानों से बातचीत कर रही है। किसानों को डेढ़ साल तक कानून रोकने का भी प्रस्ताव दिया गया।

कुछ दल नहीं चाहते कि हल निकले

कांग्रेस समेत कुछ दल नहीं चाहते कि हल निकले। प्रेस वार्ता के दौरान केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कैबिनेट बैठक के बारे में कहा कि किसानों के साथ वार्ता के संबंध में जब भी फैसला लिया जाएगा, उसकी जानकारी सही समय पर दी जाएगी।

लगातार उकसा रहे थे राहुल 

जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस ने जानबूझकर किसानों को उकसाया था। राहुल गांधी लगातार केवल समर्थन ही नहीं कर रहे थे बल्कि उकसा भी रहे थे। CAA को लेकर भी उन्‍होंने ऐसा ही किया था। सड़क पर आने को वो उकसाते हैं और दूसरे दिन से सड़क पर आंदोलन शुरू होता है।

कांग्रेस हताश और निराश

जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस हताश और निराश है, चुनाव में हार रहे हैं, कम्युनिस्टों की भी वही हालत है। इसलिए पश्चिम बंगाल में नई दोस्ती का रिश्ता ढूंढ रहे हैं। कांग्रेस किसी भी तरह से देश में अशांति फैलाना चाहती है।

उकसाने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई 

जावड़ेकर ने यह भी कहा कि जिन्होंने भी 26 जनवरी को किसानों को उकसाया उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। कल जिस तरह से लाल किले पर तिरंगे का अपमान हुआ उसे भारत बर्दाश्त नहीं करेगा। राहुल गांधी किसानों का समर्थन नहीं कर रहे थे, वे उकसा रहे थे।

किसानों ने खारिज कर दिया था सरकार का प्रस्‍ताव 

जावड़ेकर ने कहा, …क्या आपने कभी सुना कि हमने ऐसा कहा हो। हमने कहा था कि आगे जब भी बातचीत होगी उसके बारे में आपको जानकारी दी जाएगी। मालूम हो कि बीते शुक्रवार को किसानों के साथ सरकार की 11वें दौर की वार्ता हुई थी। इस वार्ता के बाद सरकार ने किसानों से कहा कि वे तीन कृषि कानूनों को एक-डेढ वर्ष के लिए स्थगित करने के प्रस्ताव पर फिर से विचार करें, लेकिन किसानों ने इसको खारिज कर दिया था।

मंत्रिमंडल की बैठक सुरक्षा समिति से अलग  

यह पूछे जाने पर कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में क्या मंगलवार की हिंसा के बारे में भी चर्चा हुई। जावडेकर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल सुरक्षा समिति से अलग होती है। जहां तक किसानों के साथ बातचीत का मसला है इस संबंध में जो भी फैसला होगा हम सही समय पर इसकी जानकारी जरूर देंगे।

मेरी वही भावना है जो आपकी

जावडेकर ने कहा कि इस मसले पर जो भी बदलाव या फैसले हुए हैं हमने हर बार आपको बताया है और आगे भी इस बारे में जानकारी देंगे। यह पूछे जाने पर कि हिंसा को लेकर आप व्यक्तिगत रूप से क्या महसूस कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर मेरी वही भावना है, जो आपकी है।

विदेशी ताकतें जिम्‍मेदार 

वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के सख्त रूख के लिए विदेशी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि जब आंदोलन की गरिमा खत्‍म हो जाए तब कोई समाधान संभव नहीं है। मालूम हो कि सरकार और किसानों के बीच अब तक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक गतिरोध को खत्‍म करने के लिए कोई समाधान नहीं निकला है।

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