अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र का आयोजन

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र का आयोजन

गंगोह [24CN] : दिनांक 18-03-2025 दिन मंगलवार को शोभित विश्वविद्यालय, गंगोह के स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट एंड लैंग्वेजेज एवं स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर एंड एनवायरमेंटल साइंसेज विभाग द्वारा संयुक्त रूप से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का विषय “इनोवेशन इन हुमानिटीज़, एग्रीकल्चर, एंड टेक्नोलॉजी: ए वे टू विकसित भारत” रहा। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में आमंत्रित मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर दुर्ग सिंह चौहान प्रो चांसलर जीएलए यूनिवर्सिटी, मथुरा, प्रोफेसर एस. पी. गर्ग आईआईएमए एलुमनाई, शिकागो, डॉ. विपिन के. शर्मा डिपार्टमेंट ऑफ़ फॉरेन लैंग्वेज जज़न यूनिवर्सिटी, सऊदी अरब, डॉ. राजबीर सिंह प्रोफेसर गौचर महाविद्यालय, रामपुर मनिहारान व डॉ. दिव्या ठाकुर प्रोफेसर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, पंजाब, शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह एवं कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह उपस्थित रहे।

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ भारतीय परंपराओं के अनुसार दीप प्रज्वलन कर एवं सरस्वती वंदना के साथ किया गया। यह सम्मेलन ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों ही माध्यम से आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह ने आमंत्रित मुख्य अतिथि डॉ. राजबीर सिंह प्रोफेसर गौचर महाविद्यालय, रामपुर मनिहारान को पुष्पगुच्छ एवं विश्वविद्यालय स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया तथा स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट एंड लैंग्वेजेज विभाग की डीन एंड हेड प्रो.(डॉ.) गुंजन अग्रवाल ने आमंत्रित मुख्य अतिथि डॉ. दिव्या ठाकुर प्रोफेसर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, पंजाब को पुष्पगुच्छ एवं विश्वविद्यालय स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया।

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत करते हुए स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट एंड लैंग्वेजेज विभाग की डीन एंड हेड प्रो.(डॉ.) गुंजन अग्रवाल ने सर्वप्रथम सभी आमंत्रित मुख्य अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम के विषय एवं महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन के अंतर्गत अनेक स्तर पर बातचीत, अनुभव और दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान आपके विचारों को नया दृष्टिकोण प्रदान करता है, जिससे न केवल आपकी व्यक्तिगत बल्कि आपके संगठन की वृद्धि में भी योगदान होता है।

इस अवसर पर प्रोफेसर एस. पी. गर्ग आईआईएमए एलुमनाई, शिकागो ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि आज के समय में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने जीवन के लगभग हर पहलू को प्रभावित किया है, लेकिन इसके साथ ही मानवता, कृषि और प्रौद्योगिकी के बीच संतुलन बनाए रखना भी अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। इन तीनों क्षेत्रों में नवाचार (Innovation) ने नई संभावनाओं और चुनौतियों को जन्म दिया है, जिनका सामना करना हर समाज के लिए आवश्यक है।

तत्पश्चात डॉ. विपिन के. शर्मा डिपार्टमेंट ऑफ़ फॉरेन लैंग्वेज जज़न यूनिवर्सिटी ने सभी को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के विषय के सन्दर्भ में बताया कि इनोवेशन का मानवता, कृषि और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक समान महत्व है। जहां मानविकी में नवाचार से हमारी सांस्कृतिक धारा को नया रूप मिल रहा है, वहीं कृषि में नवाचार से हम बेहतर उत्पादन और खाद्य सुरक्षा की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

तत्पश्चात डॉ. राजबीर सिंह, प्रोफेसर गौचर महाविद्यालय, रामपुर मनिहारान ने सभी छात्रों से वार्ता करते हुए बताया कि कृषि क्षेत्र में नवाचार ने क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। अत्याधुनिक तकनीकों, जैसे जेनेटिक इंजीनियरिंग, स्मार्ट फार्मिंग, और उन्नत सिंचाई प्रणालियों के माध्यम से कृषि क्षेत्र में विकास हुआ है। किसानों को बेहतर बीज, पेस्ट कंट्रोल और उर्वरक उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि उत्पादन बढ़ सके और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो। साथ ही उन्होंने फॉरेन करेंसी एंड वॉटर कंजर्वेशन जैसे तथ्यों पर भी प्रकाश डाला।

तत्पश्चात डॉ. दिव्या ठाकुर प्रोफेसर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, पंजाब ने सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत में मानविकी (Humanities), कृषि (Agriculture), और प्रौद्योगिकी (Technology) के क्षेत्र में नवाचार (Innovation) पर विचार करना बहुत महत्वपूर्ण है। इन तीनों क्षेत्रों में नवाचार न केवल समाज की प्रगति में मदद करेगा, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और पारंपरिक ज्ञान को भी आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा।

कार्यक्रम की इसी श्रंखला में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर दुर्ग सिंह चौहान प्रो चांसलर जीएलए यूनिवर्सिटी, मथुरा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि आज के इस आधुनिक युग में सबसे पहले स्वयं को समझना अति महत्वपूर्ण है। इनोवेशन इन हुमानिटीज, एग्रीकल्चर, एंड टेक्नोलॉजी ये तीनों क्षेत्र नवाचार एक दूसरे के पूरक के रूप में काम करते हैं, जो समाज और पर्यावरण दोनों के लिए सकारात्मक बदलाव लेकर आते हैं। और जब इनका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाता है, तो यह समाज और पर्यावरण दोनों के लिए सकारात्मक बदलाव लेकर आता है।

तत्पश्चात शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के विषय को स्पष्ट किया और इसके महत्व एवं आवश्यकता पर प्रकाश डाला, तथा कार्यक्रम के आयोजकों को बधाई दी एवं कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सभी को शुभकामनाएं दी।

कार्यक्रम के अंत में शोभित विश्वविद्यालय, गंगोह के कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह ने सभी अतिथियों का आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में अन्य शिक्षकगण डॉ. विकास पंवार, डॉ. विनय, डॉ. करुणा अग्रवाल, डॉ. शिवानी, डॉ. महेन्द्रू गौतम, डॉ. उस्मान खान, जूही अग्रवाल, विकास कुमार, कुलदीप चौहान, राजन पँवार, अभिषेक, दीपक, रोहित, अंकुर कुमार, तकनीकी सहयोगी उमंग एवं मनीष आदि उपस्थित रहे तत्पश्चात डीन एंड हेड प्रो.(डॉ.) गुंजन अग्रवाल ने एक मन्त्र ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः__दुःख भाग्भवेत् के साथ ही कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र समाप्त किया।


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