‘जो 300 साल पहले मर गया…’, औरंगजेब कब्र मामले पर बोले ठाकरे- ‘चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को बुलाइए’

‘जो 300 साल पहले मर गया…’, औरंगजेब कब्र मामले पर बोले ठाकरे- ‘चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को बुलाइए’
मुंबई। महाराष्ट्र के नागपुर में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को राज्य से बाहर ले जाने की मांग को लेकर हुई आगजनी और तोड़फोड़ के बीच पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सवाल उठाते हुए कहा कि मुगल बादशाह की मौत 300 साल पहले हो चुकी थी।उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘अगर आप चाहें तो उनकी कब्र हटा सकते हैं, लेकिन चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को बुलाइए। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और बिहार के सीएम दोनों ही भाजपा के प्रमुख सहयोगी हैं और दोनों ही राज्यों में मुस्लिम आबादी भी है। ठाकरे ने भाजपा पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि औरंगजेब वास्तव में गुजरात में पैदा हुए और मृत्यु महाराष्ट्र के भिंगर के पास हुई थी।

हिंसा के लिए अबू आजमी जिम्मेदार

महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने मंगलवार को नागपुर में हुई हिंसा के लिए समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी को जिम्मेदार बताया है। महाराष्ट्र के मंत्री राणे ने कहा कि ये राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए एक पूर्व नियोजित हिंसा थी।

संवाददाताओं से बात करते हुए हुए नितेश राणे ने कहा कि अबू आजमी नागपुर में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने ही इस मुद्दे को शुरू किया। यह राज्य सरकार को बदमान करने के लिए पहले से नियोजित थी। उन्होंने यह भी कहा कि उन लोगों को नहीं बख्शा जाएगा, जिन्होंने पुलिसकर्मियों पर हाथ उठाया। 

 

अबू आजमी ने की थी औरंगजेब की प्रशंसा

जानकारी दें कि समाजवादी पार्टी के विधायक आजमी ने कथित तौर पर कहा था कि औरंगज़ेब क्रूर प्रशासक नहीं था और उसने कई मंदिर बनवाए। आजमी ने कहा था कि मुगल बादशाह और छत्रपति संभाजी महाराज के बीच लड़ाई राज्य प्रशासन के लिए थी, न कि हिंदू और मुस्लिम के लिए। उधर, शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि हिंसा के पीछे कौन था। 

सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा हिंसा में कौन शामिल?

शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने कहा कि लोगों के उपनाम (टाइटल) देखकर पथराव किया गया। वाहनों में आग लगाई गई। सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर दिख रहा है कि घटना के पीछे कौन लोग थे। स्थानीय लोग दावा कर रहे हैं कि बाहर से बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए और पथराव शुरू कर दिया। गिरफ्तार किए गए लोगों के उपनाम देखकर यह साफ तौर पर पता चलता है कि इस घटना के पीछे कौन लोग थे

उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार से पूछे सवाल

जानकारी दें कि नागपुर हिंसा पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं, न ही मैं गृह मंत्री हूं, मुख्यमंत्री से पूछिए कि इसके (हिंसा के) पीछे कौन है। वहां आरएसएस का मुख्यालय है। यहां डबल इंजन की सरकार है, अगर डबल इंजन की सरकार विफल हो गई है, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। आप चाहें तो उसकी (औरंगजेब की) कब्र हटा सकते हैं, लेकिन उस दौरान चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को बुलाइए। 

 

सीएम ने हिंसा को बताया सुनियोजित

वहीं, इस मामले में आज महाराष्ट्र विधानसभा में भी हंगामा देखने को मिला। पूरे प्रकरण पर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हिंसा एक सुनियोजित हमला लगती है। उन्होंने कहा कि कुछ अफवाहें फैलाई गईं कि विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल द्वारा राज्य की शीतकालीन राजधानी में विरोध प्रदर्शन के दौरान धार्मिक श्लोक जलाए गए। 

विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि नागपुर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने विरोध प्रदर्शन किया। अफवाह फैलाई गई कि धार्मिक सामग्री वाली चीजें जला दी गईं। यह एक सुनियोजित हमला लगता है। किसी को भी कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। 

घटना में 30 पुलिसकर्मी घायल

महाराष्ट्र के सीएम ने पुलिस कर्मियों को लगी चोटों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि तीन पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) घायल हो गए, और एक डीसीपी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया। 

औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर तनाव के बाद भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत नागपुर शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया। नागपुर पुलिस आयुक्त रविंदर कुमार सिंघल द्वारा जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार, प्रतिबंध अगले आदेश तक लागू रहेंगे। कर्फ्यू कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर में पुलिस स्टेशन की सीमा में लागू है।


विडियों समाचार