उत्तराखंड के पौड़ी में 45 से 50 लोगों से भरी बस खाई में गिरी, अब तक 8 की मौत

उत्तराखंड के पौड़ी में 45 से 50 लोगों से भरी बस खाई में गिरी, अब तक 8 की मौत

देहरादून: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के सिमड़ी गांव के पास रिखणीखाल-बीरोंखाल मार्ग पर 45 से 50 लोगों को लेकर जा रही एक बस मंगलवार को खाई में गिर गई. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और राहत व बचाव दल के सदस्य घटनास्थल पर पहुंच गए हैं. खबरों के मुताबिक इस हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई. हालांकि, अभी इसकी अधिकारिक पुष्टि बाकी है. घटना की जानकारी देते हुए उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि अब तक 6 लोगों का रेस्क्यू कर अस्पताल भेजा जा चुका है. घटना स्थल पर पहुंची ने पुलिस ने राहत और बचाव के साथ ही घटना की जांच शुरू कर दी है. फिलहाल, विस्तृत जानकारी का इंतजार है

घटना पर अफसोस जताते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्विटर पर लिखा कि मुझे पौड़ी जिले के सिमरी गांव के पास यात्रियों को ले जा रही एक बस के खाई में गिरने की दुर्भाग्यपूर्ण खबर मिली है, जिसके मद्देनजर में आपदा प्रबंधन विभाग पहुंच रहा हूं और राहत और बचाव कार्य की समीक्षा कर रहा हूं.

गौरतलब है कि इससे पहले उत्तरकाशी में आए एवलांच में 28 ट्रैकर फंस गए थे. इनमें से 8 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं. बाकी लोगों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. घटना की जानकारी देते हुए उत्तराखंड के सीएम पीएस धामी ने बताया था कि द्रौपदी के डंडा 2 पर्वत शिखर में हिमस्खलन में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 28 प्रशिक्षुओं के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई है. जिला प्रशासन, एनडीआरएफ,  एसडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी कर्मियों द्वारा तेजी से राहत और बचाव अभियान जारी है. राहत दल फंसे हुए ट्रैकरों को निकालने का प्रयास कर रहा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इस घटना में जान गंवाने वालों के परिवारजनों के लिए वे शोक व्यक्त करते हैं.

वहीं, एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रशिक्षण के दौरान द्रोपती के डंडा 2 के पास आए एवलांच में 29 प्रशिक्षणार्थी क्रेवास के पास फंस गए. क्रेवास में फंसे आठ लोगों को रेस्क्यू कर निकाला गया है. वहीं, 21 लोग अभी क्रेवास में फंसे बताए जा रहे हैं. इन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है.

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, बचाव अभियान में तेजी लाने के प्रयास जारी हैं. सेना की मदद लेने को लेकर अनुरोध किया गया है. उन्हें केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए आश्वस्त किया गया है. प्रशिक्षणार्थियों को बचाने और बाहर निकालने के लिए जिला प्रशासन के साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और आइटीबीपी के जवानों की मदद से राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है.