कोरोना संकट के बीच अस्पतालों की ओपीडी बंद होने पर HC ने UP सरकार से मांगा जवाब

कोरोना संकट के बीच अस्पतालों की ओपीडी बंद होने पर HC ने UP सरकार से मांगा जवाब

प्रयागराजः कोरोना संकट के दरम्यान प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों की ओपीडी अन्य मरीजों की इलाज के लिए बंद होने पर इलाहाबाद ङाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। दरअसल कोर्ट ने कोरोना के अलावा अन्य मरीजों का इलाज बंद करने की सरकार की नीति के खिलाफ दाखिल जनहित याचिकाओं पर जानकारी मांगी है।

बता दें कि यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल एवं जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट, विधि छात्र विनायक मिश्र और पत्रकार व अधिवक्ता विशाल तलवार की याचिका पर दिया है। पीपुल्स फ्रंट के अधिवक्ता प्रांजल शुक्ल ने कहा कि  पिछले सप्ताह नोएडा में अस्पतालों में भर्ती से मना करने के कारण एक गर्भवती महिला की मौत चुकी है। उन्होंने कोविड-19 के अलावा अन्य किसी मरीज का इलाज करने को प्रतिबंधित करने की सरकारी नीतियों को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द करने की अदालत से मांग की।

कोर्ट ने जनहित याचिका में  सरकार का पक्ष रख रहे अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से कहा कि 18 जून को इस मामले में सरकार से जरूरी जानकारी लेकर उसका पक्ष प्रस्तुत करें। कोर्ट ने यह बताने को कहा है कि प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी कैसे बंद की जा सकती है।याचिका में 23 मार्च 2020 व 31 मई 2020 की उस अधिसूचना को चुनौती दी गई है, जिसके द्वारा कोविड-19 अलावा अन्य मरीजों के इलाज को सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में प्रतिबंधित कर दिया गया है ।

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