कोलकाता। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए भेजी गई बंगाल की झांकी को खारिज किए जाने को लेकर सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पत्र का जवाब देते हुए कहा है कि झांकियों के चयन में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। कला, संस्कृति, संगीत व नृत्य विधाओं के विद्वानों की समिति राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों के कई दौर के मूल्यांकन के बाद इनकी अनुशंसा करती है। बंगाल की झांकी ने इसी चयन प्रक्रिया के तहत 2016, 2017, 2019 और 2021 में गणतंत्र दिवस परेड समारोह में भाग लिया था। इस बार 29 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रस्तावों में से 12 को मंजूरी दी गई है।

पत्र में रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि देश की आजादी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान प्रत्येक भारतीय के लिए अविस्मरणीय है। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने नेताजी के जन्म दिवस 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में घोषित किया है। अब से हर साल गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत नेताजी के जन्मदिन से शुरू होगी और 30 जनवरी को इसका समापन होगा। इस बार सीपीडब्ल्यूडी की झांकी में भी नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई है।

केंद्र की ओर से खारिज बंगाल की झांकी अब ममता सरकार के गणतंत्र दिवस परेड में दिखेगी

दिल्ली में होने वाले गणतंत्र दिवस परेड के लिए केंद्र सरकार की तरफ से खारिज की गई बंगाल की झांकी को अब कोलकाता के रेड रोड में होने वाले गणतंत्र दिवस परेड में दर्शाया जाएगा। ममता सरकार ने यह फैसला किया है। गौरतलब है कि बंगाल की झांकी स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की इसी साल होने जा रही 125वीं जयंती पर आधारित है।

तृणमूल के मुखपत्र में केंद्र के फैसले की जमकर आलोचना

दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र में बंगाल की झांकी को खारिज किए जाने को लेकर केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की गई है। मुखपत्र में कहा गया है कि बंगाल में ममता का राज होने के कारण इस झांकी को केंद्र ने खारिज कर दिया। दरअसल 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार को भाजपा हजम नहीं कर पा रही है इसलिए इस तरह की साजिश रच रही है। 2021 में बंगाल की जनता ने भाजपा को जिस तरह से जवाब दिया था, इसका भी वह उसी तरह से जवाब देगी।