मुंबई: भ्रष्टाचार के मामले में दो विशेष अदालतों ने शुक्रवार को सीबीआई को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख, बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे और दो अन्य आरोपितों को जांच के लिए हिरासत में रखने की अनुमति दे दी। समझा जाता है कि सीबीआई बहुत जल्द इन्हें अपनी हिरासत में ले लेगी और आगे की पूछताछ के दिल्ली ला सकती है।

सीबीआई को मिली हिरासत

अनिल देशमुख और उनके सहयोगी संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही मनी लांड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उनकी हिरासत के लिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीपी सिंघाडे के समक्ष एक आवेदन दायर किया था। न्यायाधीश ने गुरवार को देशमुख और अन्य दो को सीबीआई की हिरासत में स्थानांतरित करने के लिए विशेष मनी लांड्रिंग अधिनियम (पीएमएलए) अदालत, जो ईडी से जु़ड़े मामलों की सुनवाई करती है, को अनुरोध पत्र जारी किया।

एनआइए ने अंटीलिया मामले में किया था गिरफ्तार

सीबीआई ने सचिन वाझे की हिरासत की भी मांग की थी। वाझे को मार्च 2021 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने अंटीलिया मामले में गिरफ्तार किया था। जिसके बाद, न्यायाधीश डीपी सिंघाडे ने विशेष एनआइए अदालत को इसी तरह का अनुरोध पत्र भेजा था। वाझे फिलहाल नवी मुंबई के तलोजा जेल में न्यायिक हिरासत में है। विशेष पीएमएलए और एनआइए अदालतों ने शुक्रवार को अलग-अलग आदेशों में संबंधित जेल के अधीक्षकों को चार आरोपितों देशमुख, पलांडे, शिंदे और वाझे की हिरासत सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया।

परम बीर सिंह ने लगाए थे वसूली के आरोप

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को शहर के रेस्तरां और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य दिया था।