लंदन। पार्टीगेट कांड में घिरे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन (Boris Johnson) विश्वास मत जीत गए हैं। सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी के 359 में से 211 सांसदों ने उनके पक्ष में मतदान किया, जबकि 148 ने विरोध में। जीत के लिए जानसन को 180 सांसदों के समर्थन की जरूरत थी। जानसन के खिलाफ उनकी ही कंजरवेटिव पार्टी (Conservative Party) की बैकबेंच कमेटी के अध्यक्ष ग्राहम ब्रैडी ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया था। मतगणना के बाद ब्रैडी ने ही बताया कि जानसन के पक्ष में 211 और विपक्ष में 148 मत पड़े हैं।
जानसन ने 59 प्रतिशत पार्टी सांसदों का समर्थन हासिल कर विश्वास मत जीता है। इससे पहले बे्रक्जिट विवाद (Brexit) के कारण दिसंबर 2018 में तत्कालीन पीएम थेरेसा मे ने 63 प्रतिशत पार्टी सांसदों का वोट हासिल कर विश्वास मत जीता था। हालांकि उन्हें बाद में पद छोड़ना पड़ा था। कोरोना के शुरुआती दिनों में प्रधानमंत्री कार्यालय 10 डाउनिंग स्ट्रीट में नियमों के विपरीत जन्मदिन की पार्टी में भीड़ एकत्र कर पीएम जानसन विपक्ष के साथ पार्टी के बीच भी घिर गए थे। इस जन्मदिन पार्टी को ही पार्टीगेट स्कैंडल (Partygate Scandal) का नाम दिया गया था।
59 फीसदी सांसदों ने किया बोरिस का समर्थन
जानसन को पार्टी की ओर से 59 प्रतिशत समर्थन मिला, वहीं उनके नेतृत्व के खिलाफ 41.2 प्रतिशत मतदान हुआ। गौरतलब है कि इस अविश्वास प्रस्ताव में हर एक कंजर्वेटिव सासंद ने वोट किया। समिति द्वारा प्राप्त अविश्वास संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद (15 प्रतिशत) इसकी मांग कर रहे थे। सोमवार शाम ‘हाउस आफ कामन्स’ में अविश्वास प्रस्ताव को रखा गया था। बता दें कि 40 से ज्यादा सांसदों ने सार्वजनिक रूप से जानसन से पार्टी के नेता पद से इस्तीफा देने की मांग कर चुके हैं।
गौरतलब है कि बोरिस जानसन का उत्तराधिकारी के लिए कोई स्पष्ट फ्रंट-रनर नहीं होने की वजह से अधिकांश राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने भविष्यवाणी की थी कि वह चुनौती को हरा देंगे। भले ही बोरिस जानसन ने अविश्वास प्रस्ताव जीत लिया है लेकिन कंजर्वेटिव पार्टी के अंदर पड़ रहे फूट के संकेत साफ दिख रहे हैं।
जानिए क्या है पार्टीगेट मामला
पार्टीगेट मामला जानसन के 10 डाउनिंग स्ट्रीट स्थित निवास और आस-पास की इमारतों में एक दर्जन से अधिक सभाओं व पार्टी से संबंधित है जो तब हुइ जब कोरोना वायरस (Covid-19) प्रतिबंधों के चलते ब्रिटेन में लोगों के एक-दूसरे से मिलने को लेकर तमाम तरह के प्रतिबंध लागू थे।
बता दें कि जानसन और उनके कर्मचारियों ने अवैध तरीके से कार्यालय में पार्टियों का आनंद लिया, जबकि देश में लाखों लोग सख्त कोविड-19 प्रतिबंधों का पालन कर रहे थे। इन दावों ने जानसन की कंजर्वेटिव सरकार को पिछले साल के अंत में पहली बार सामने आने के बाद से परेशान कर रखा है। जानसन की पार्टी के कुछ लोगों समेत आलोचक उनसे इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने मांगी थी माफी
बोरिस जानसन ने इन घटनाओं के लिए माफी मांग ली थी लेकिन कहा था कि उन्होंने जानबूझ कर नियम नहीं तोड़े थे। उनका कहना था कि उन्हें नहीं पता था कि लोगों की वह छोटी सी भीड़ एक पार्टी थी। उनके इस दावे का कई लोगों ने मजाक उड़ाया था।
हालांकि पुलिस ने उन लोगों की पहचान का खुलासा नहीं किया जिनको जुर्माने का नोटिस जारी किया गया है। इसके पहले डाउनिंग स्ट्रीट ने पुष्टि की थी कि बोरिस जानसन, उनकी पत्नी कैरी और चांसलर ऋषि सुनक उन लोगों में शामिल हैं, जिन पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री के कैबिनेट कमरे में जून, 2020 में जन्मदिन की दावत को लेकर जुर्माना लगाया गया है।