कफ सिरप से 66 बच्चों की मौत से हड़कंप, जांच रिपोर्ट का इंतजार

कफ सिरप से 66 बच्चों की मौत से हड़कंप, जांच रिपोर्ट का इंतजार

नई दिल्ली: भारत में बने चार कफ सिरप से गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के दावे के बाद गुरुवार को हरियाणा में हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग की दिल्ली, सोनीपत और चंडीगढ़ की टीमों ने सोनीपत स्थित दवा फ़ैक्ट्री पर मारा छापा। हरियाणा ड्रग कंट्रोलर मनमोहन तनेजा की अगुवाई में टीमों ने सैंपल लिए जिनकी अभी भी जांच चल रही है।

सोनीपत स्थित वरिष्ठ दवा निरीक्षक राकेश दहिया ने कहा कि पिछले एक सप्ताह में पांच नमूने एकत्र किए गए और जांच के लिए कोलकाता में केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला भेजे गए। वहीं, हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि सभी चार सिरप केवल निर्यात के लिए तैयार किए गए थे। भारत में इसे नहीं बेचा गया था।

विज ने कहा, ”मेडन फार्मास्युटिकल के दफ्तर से चारों कफ सिरप के पांच नमूने लेकर कोलकाता स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) भेजा गया है। केंद्र के फार्मास्युटिकल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य से इस बारे में विस्तार से बात की है। दवा कंपनी द्वारा तैयार कफ सिरप को सिर्फ निर्यात के लिए मंजूरी दी गई थी। यह देश में बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है।”

रिपोर्ट आने पर ही होगी कार्रवाई
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा, ”सीडीएल की रिपोर्ट आने के बाद ही हम किसी निष्कर्ष पर पहुंच पाएंगे। कुछ भी गलत पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि केंद्र इस मुद्दे पर गौर कर रहा है। जब कोई अंतरराष्ट्रीय मुद्दा जुड़ा होता है तो भारत सरकार इससे निपटती है और वे इससे निपट रहे हैं। अभी तक हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि ये मौतें वास्तव में इन दवाओं की वजहों से हुईं या किसी अन्य वजह से।”

सिरप बनाने से रोका
हरियाणा के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कंपनी के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। कंपनी एक छोटे पैमाने की इकाई है और संयुक्त निरीक्षण के दौरान और मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार सभी आवश्यक नमूने और दस्तावेज एकत्र किए गए हैं। राज्य के ड्रग कंट्रोलर मनमोहन तनेजा ने बताया कि कंपनी में जो सिरप तैयार किया जा रहा था उसे बनाने से रोक दिया गया है। सैंपल की रिपोर्ट आने तक तैयार सिरप को भी सील किया गया है। इसकी जांच की जा रही है।

भारत में दवा नहीं
ऑल इंडिया केमिस्ट एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स के हवाले से कहा है कि यह कंपनी भारतीय बाज़ार में अपनी दवा सप्लाई नहीं करती है। एजेंसी के अनुसार यह कंपनी अपनी दवाओं को केवल निर्यात करती है, लेकिन अगर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया की तरफ़ से कोई दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं तो उनका पालन किया जाएगा।

डब्ल्यूएचओ की चिंता
विश्व स्वस्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि कंपनी ने सिर्फ गाम्बिया में ही इन दवाओं को भेजा है, लेकिन इसे अन्य जगहों पर भी भेजे जाने की आशंका है। क्योंकि हो सकता है कि कंपनी ने इन्हीं दूषित पदार्थों का इस्तेमाल दूसरी दवाओं में भी किया हो और उन्हें स्थानीय स्तर पर बेचा हो और उनका निर्यात भी किया हो।

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